‘नीम हकीम खतरे जान’ अब महज़ नीम और हकीम के बीच का मामला नहीं रहा, क्योंकि चैट जीपीटी भी बाकायदा झोला-छाप डॉक्टरों की बिरादरी में शामिल हो चुका है। मरीजों का इलाज करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है।
तकनीक गड़बड़झाला का एक झोल सामने आया है। अख़बार में सुर्ख़ी बनी है—‘ए आई जीपीटी नीम हकीमी... से परामर्श लेकर खाने का नमक बदला, खतरे में आई जान।’
‘नीम हकीम खतरे जान’ अब महज़ नीम और हकीम के बीच का मामला नहीं रहा, क्योंकि चैट जीपीटी भी बाकायदा झोला-छाप डॉक्टरों की बिरादरी में शामिल हो चुका है। मरीजों का इलाज करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। वो दिन दूर नहीं जब मोहल्लों की दीवारों पर रंगीन पोस्टर चिपके मिलेंगे—‘दाद, खाज, खुजली, भगन्दर, पायरिया, पीलिया, पथरी, बवासीर, नपुंसकता, नामर्दी—चैट जीपीटी से पक्का इलाज, गारंटी सहित!’
अख़बार खोलते ही पंपलेट झड़ पड़ेंगे—‘आपके शहर में ही खुला है चैट जीपीटी के क्लिनिक। पहुंचे हुए वैद्य जी का हजार बरस पुराना नुस्ख़ा—नकलचियों से सावधान रहें।’
वैसे मरीज़ से जानकारी निकालना तलवार की धार पर नाचने जैसा है। वो सीधे यह नहीं कहेगा कि ‘गले में दर्द है’ या ‘दस्त लग गए हैं’। पहले बताएगा तमाम इधर-उधर के किस्से कहानियां।
अब चैट जीपीटी भावुक होकर इन गैर-चिकित्सकीय समस्याओं में उलझ जाएगा, और जब इन पर अपना एआई-ज्ञान झोंककर कहेगा—‘अब आगे और कोई समस्या?’—तब मरीज का असली बयान आएगा— ‘जी, उडो-उडो सो रहे। पेट में मइठा सा चलै आंटो सो पड़ गयो। गोड़े बोल गओं।’
तो, पहले से तैयारी रखनी होगी। इन देसी मुहावरों, इशारों और उलझी लक्षणावली को सिस्टम में फीड करना अनिवार्य है। तभी तो चैट जीपीटी असली मरीज़ी की थाह पाकर, झोला-छाप डॉक्टरों की सोहबत में अपनी दुकान जमा पाएगा।
कुछ ऐसा ही हाल इस मरीज़ के साथ भी हुआ। ये संदेह में लाभ देने वाला मामला है, इस पर कोई मुक़दमा भी नहीं चल सकता, ठीक वैसे ही जैसे नीम-हकीम पर केस नहीं चलता।
अब हुआ यूं कि मरीज़ ने जो बोला, चैट जीपीटी ने उसका शब्दशः अर्थ निकालकर ‘इलाज’ बता दिया—
उदाहरण 1
मरीज़ : ‘गोड़े बोल गओं।’
चैट जीपीटी का शब्दशः अर्थ : ‘घोड़े बोलने लगे हैं।’
इलाज सुझाव : ‘कृपया अपने घोड़ों को शांत करने के लिए कान में रुई लगाएं, और घोड़ों के अस्तबल में शोर-रोधी पर्दे लगवाएं।’
उदाहरण 2
मरीज़ : ‘पेट में आंटो पड़ गयो।’
चैट जीपीटी का शब्दशः अर्थ : ‘आंतें गिर गई हैं।’
इलाज सुझाव : ‘तुरंत आंतों को वापस लगाने के लिए बढ़िया क्वालिटी का ‘फेवीक्विक’ इस्तेमाल करें, और पेट पर टाइट बेल्ट बांध लें।’
उदाहरण 3
मरीज़ : ‘उडो-उडो सो रहूं।’
चैट जीपीटी का शब्दशः अर्थ : ‘मैं उड़ते-उड़ते सो रहा हूं।’
वैसे, ज्यादा भावुक होने की जरूरत नहीं, ‘जहां काम आवे सुई वहां तलवार’ का प्रयोग पहले ही गुनीजनों ने वर्जित किया है।

