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गरीब की जान सांसत में, अमीर का एडवेंचर टूरिज्म

आलोक पुराणिक बारिश ऐसे गिर रही है, जैसे किसी तर सरकारी विभाग के अफसर के घर में नोट गिरते हैं। आम आदमी यूं सहमा हुआ है, जैसे महीने के आखिरी हफ्ते में कई बंधी तनख्वाह वाला बंदा यह सोचकर कांप...

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आलोक पुराणिक

बारिश ऐसे गिर रही है, जैसे किसी तर सरकारी विभाग के अफसर के घर में नोट गिरते हैं। आम आदमी यूं सहमा हुआ है, जैसे महीने के आखिरी हफ्ते में कई बंधी तनख्वाह वाला बंदा यह सोचकर कांप जाये कि हाय कोई खर्चा आ गया, तो क्या होगा। कुल मिलाकर टेंशन के दिन और रात हैं, मल्लब इन दिनों बरसात के दिन हैं।

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अंटी में रकम हो, कहीं काम करने न जाना हो, बरसात को बंदा इंजाय करता है, पर कामकाजी आदमी के लिए बरसात लगातार चले, तो बवाल हो जाती है। दरअसल बरसात समस्या नहीं है, समस्या यह है कि आपकी जेब में कितने नोट हैं। भरपूर नोटवालों के लिए बरसात समस्या नहीं है। गर्मी भी समस्या नहीं है। सर्दी भी समस्या नहीं है। समस्या सिर्फ एक ही है- कि जेब में नोट कैसे लाये जायें, बाकी लू, धूप और बरसात टाइप समस्याएं तो खुद-ब-खुद निपट जाती हैं।

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नालियों को सुधारने में करोड़ों का बजट बहाया जाता है, फिर उन नालियों में बरसात का पानी हरहराकर बहता है। दिल्ली, मुंबई में हर साल बरसात के बाद आश्वासनों की बरसात होती है- अबकी बार ठीक कर देंगे जी।

कुल मिलाकर शर्म से डूब मरने के दिन हैं, अगर वादे ठेलने वाले डूब मर पाते तो। एक ज्ञानी ने कहा तुम व्यंग्यकार लोग बहुत निगेटिव थिंकिंग करते हो, कुछ पॉजिटिव सोचा करो। पॉजिटिव सोचने से सारी समस्याएं सॉल्व हो जाती हैं। पांच फुट पानी भरा हो सड़क पर तो हमको सोचना चाहिए कि एडवेंचर टूरिज्म के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। बंदा खुद को आजमा सकता है। विदेशी थ्रिल की तलाश में जाने कहां-कहां भटकते हैं, खतरनाक जंगल, बीहड़ पहाड़, लो जी सब कुछ दिल्ली में है, मुंबई में है, बंगलुरु में है। पांच फुट पानी में चलकर जाने का थ्रिल लीजिये। सरकारें इश्तिहार देकर बता सकती हैं कि फलांजी के नेतृत्व में एडवेंचर टूरिज्म का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करा दिया गया है, आइये एडवेंचर टूरिज्म में आपका स्वागत है। कुछ उत्साही मुख्यमंत्री तो एडवेंचर टूरिज्म के लिए कुछ वसूली भी कर सकते हैं, नागरिक जब भी सड़क से निकलेगा, तो विजिट मान पचास-सौ रुपये रख कर जाये बीच सड़क में एडवेंचर करवा रहे हैं जी।

जो एंकर एक महीने पहले बता रहा था कि गर्मी में पिघल जायेगी दुनिया, वह बता रहा है कि अब जलप्रलय हो जायेगी। यही एंकर कुछ महीने बाद दिसंबर में बतायेगा कि जैसलमेर में स्नोफाल हो जायेगा और राजस्थान के रेगिस्तान भी बर्फबारी के शिकार हो जायेंगे।

कुछ स्कूलों में बरसात के चलते छुट्टी घोषित कर दी गयी है। छोटे बालक कह रहे हैं कि बारिश को और लंबा खिंचना चाहिए। ऊपर वाला बच्चों की प्रार्थना सुनता है।

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