स्मार्ट गर्लफ्रेंड एक ब्वॉयफ्रेंड से कहती है दूसरा वाला तो महंगा वाला फोन दे गया, तुम महंगी ड्रेस दिलवा दो। फिर पहले वाले ब्वॉयफ्रेंड को यह महंगी ड्रेस दिखाकर कुछ और महंगा गिफ्ट मांगा जाता है। यही सब चल रहा है अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के रिश्तों में।
पाकिस्तान की मौज है इन दिनों, उस स्मार्ट गर्लफ्रेंड की तरह, जिसके दो चाहने वाले एक-दूसरे से कंपीटिशन में गर्लफ्रेंड की मौज करा रहे हैं। स्मार्ट गर्लफ्रेंड एक ब्वॉयफ्रेंड से कहती है दूसरा वाला तो महंगा वाला फोन दे गया, तुम महंगी ड्रेस दिलवा दो। फिर पहले वाले ब्वॉयफ्रेंड को यह महंगी ड्रेस दिखाकर कुछ और महंगा गिफ्ट मांगा जाता है। यही सब चल रहा है अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के रिश्तों में।
पाकिस्तान कहता है अमेरिका से कि चीन तो पाकिस्तान में स्पेशल काॅरिडोर बना रहा है, करोड़ों लगा रहा है। आप भी कुछ लगाइये। अमेरिका करोड़ों देता है पाकिस्तान को, तो फिर चीन से कहा जाता है कि देखिये, उधर से इतने आ गये, आप भी कुछ लगाइये।
इधर से लाओ, उधर से लाओ। स्मार्ट गर्लफ्रेंड सब तरफ से कमा लेती है।
पाकिस्तान शुरू से ही स्मार्ट गर्लफ्रेंड की तरह की लाइफ स्टाइल में रहा है। कभी उससे ले आओ, कभी इससे ले आओ। देने वाले भी जानते हैं कि यह संबंध नहीं सौदेबाजी है। पर जिंदगी में संबंध ही सब कुछ न होते, सौदेबाजी भी बहुत कुछ होती है। पाकिस्तान सौदेबाजी पर चल रहा है। चलता ही जा रहा है। कभी कुछ खुद करके नहीं कमाना। भीख का कटोरा, या स्मार्ट गर्लफ्रेंडबाजी इन्हीं तरकीबों से काम चल जाये तो कोई काम करने क्यों जाये।
अब दुनिया के हालात ऐसे हैं कि अमेरिका और चीन दोनों की जरूरत पाकिस्तान है। चीन को देर-सवेर पाकिस्तान को अपना उपनिवेश बनाना है। पाकिस्तान का प्रयोग अमेरिका के लिए मौके मौके पर आता रहता है। अभी ट्रंप को भारत पर दबाव बनाना है, तो पाकिस्तान के आर्मी जनरल को लंच डिनर खिलाना है। ट्रंप ने कुछ साल पहले कहा था कि पाकिस्तान उनके डालर खा जाता है। अब ट्रंप खुद डालर खिला रहे हैं। वक्त बदला या नहीं बदला, पर ट्रंप की प्राथमिकताएं बदल गयीं। ट्रंप स्मार्ट बंदे हैं, पुरानी बातें भूल जाते हैं। पर पाकिस्तानियों को कई बार दिक्कत हो जाती है।
पाकिस्तान अब अपमान और मान से ऊपर उठ गया है। भीख मांगने का एक बहुत खराब असर यह होता है कि बंदे का आत्मसम्मान मर जाता है। ट्रंप ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था मृत अर्थव्यवस्था है। ट्रंप को मृत आइटमों से डील करना आता है, तो ट्रंप पाकिस्तान से डील कर लेंगे। आफत चीन की है उस बर्बाद प्रेमी जैसी, जिसने इतने रुपये खर्च किये, इतनी जान लगायी और फिर उसके सामने उसकी गर्लफ्रेंड कहीं और चली जा रही है।
यह सवाल इज्जतदार देशों के लिए तो सटीक है। पर पाकिस्तान तो इसी तरह से चला है सत्तर से ज्यादा साल हो गये। अब पाकिस्तान क्या सुधरेगा। और सुधरने की कोशिश करे भी तो पुराने यार सुधरने न देंगे। पुराने कर्म आगे आते ही हैं।