जो समस्याएं सुलझ न रही हों, उन्हें कारोबार बना दिया जाना चाहिए, कुछ कमा लिया जाये उनसे। जरा-सी बारिश होती है तो सड़कें डूब जाती हैं, बह जाती हैं। पुल टूट जाते हैं, बह जाते हैं। सीमेंट से ज्यादा रेत को सम्मान दिया गया पुल निर्माण में, इस शर्म से पुल आत्महत्या कर लेते हैं। गिर जाते हैं। हर साल का यही हिसाब है। समस्या न सुलझ रही है, तो अब वक्त है इसे कारोबार बनाने का।
बाढ़ महोत्सव, बारिश तांडव, बारिश संहार, वर्षा प्रहार जैसे सुंदर-सुंदर नाम दिये जायें और देशी-विदेशी पर्यटकों को आमंत्रित किया जाये। अहा! क्या दृश्य होगा, जब सुदूर देशों के और इस देश के तमाम शहरों के पर्यटक गिरने को आतुर-गिरातुर पुल के आसपास खड़े होकर गाइड बता रहा होगा—साहेबान, मेहरबान, कदरदान आपका नसीब ठीक रहा तो यह पुल आप अपनी आंखों के सामने गिरते देखेंगे। बिलकुल बारिश थोड़ी-सी होते ही पुल गिरेगा। गिरा गिरा गिरा, लीजिये गिर रहा है। यू आर लक्की आपने देख लिया पुल टूटता देख लिया। वाऊ।
यह सुनकर एक पर्यटक कह सकता है–हां, मुझे पता है कि मैं बहुत लकी हूं। अभी मैं सरिस्का टाइगर रिजर्व में गया था, वहां टाइगर सबको नहीं दिखता, हम को दिख गया, हम बहुत लकी हूं। सरिस्का टाइगर रिजर्व में टाइगर और टूटता हुआ पुल देखना हर टूरिस्ट के नसीब में नहीं होता। मुल्क कमाल है हमारा। टाइगर तो शायद कभी न भी दिखे, पर टूटते हुए पुलों की कोई कमी न है। दे दनादन, दे दनादन इधर गिर रहे हैं, उधर गिर रहे हैं। कोने से रहे हैं, बीच से टूटकर गिर रहे हैं। मेरे को टेंशन यह है कि नयी पीढ़ी रील बनाने और सेल्फी के चक्कर में टूटते हुए पुल के करीब ही न पहुंच जाये। पुल अभी इतने समझदार न हुए, अलबत्ता शेर टाइगर हमारे देश के अब बहुत रील फ्रेंडली, कैमरा फ्रेंडली और सेल्फी फ्रेंडली हो गये हैं। रील वगैरह बनाते रहते हैं नौजवान और शेर टाइगर मस्ती से पड़े रहते हैं। रील का शौक बुरा होता है। टाइगरों को भी हो गया है यह शौक, ऐसा लगता है।
यह अलग टेंशन है, टाइगर रील में आने के लिए परम उत्सुक हो जायें और ऐसी ऐसी उटपटांग हरकतें करने लगें, जैसे इंसान करते हैं, तो बहुत दिक्कत हो जायेगी। अभी पुलिस ने दो बालिकाओं को पकड़ा, वो गाली-गलौज करके रील बना रही थीं और बहुत लोकप्रिय हो रही थीं। कहीं ऐसा न हो कि शेर भी रीलबाज यूट्यूबर के आगे डांस करने लग जाये। इंसानों की सोहबत में जानवर बिगड़ जाते हैं। इंसान की सोहबत में टाइगर नाचने न लग जाये। इंसानी सोहबत बहुत बुरी चीज है साहब। आइये, बाढ़ महोत्सव की तैयारी करें।