आलोक पुराणिक
2020 निकल रहा है, कुछ खास यादें छोड़कर ऐसी घटनाओं की, जो आर्थिक और तकनीकी दुनिया में हुईं।
2020 के आखिर में गूगल, यूट्यूब कुछ वक्त के लिए बंद हो गये, हड़कंप सा आ गया। इस दुनिया को ऊपर वाला चला रहा है, यानी सैटेलाइट से चल रही है। सैटेलाइट से गूगल को डाटा मिल जाता है, और फिर गूगल से ज्ञान बंटता है। किस रास्ते से जाना है, कौन से मोड़ पर मुड़ना है। सब कुछ पता है गूगल मैप्स को। हमारे मोहल्ले के बारे में अमेरिकन गूगल को हमसे ज्यादा पता है। फिर भी दावा हमारा है विश्व गुरु होने का।
साल बीतते-बीतते यह हल्ला भी आया कि छोटे बच्चों को भी कंप्यूटर कोडिंग का ज्ञान होना चाहिए। कंप्यूटर कोडिंग का ज्ञान हो तो बच्चा मोबाइल एप्लीकेशन भी बना सकता है। बच्चों को मोबाइल के करीब रखना है या बच्चों को मोबाइल के पास ले जाना है, यह बहस व्यर्थ हो गयी 2020 में, तमाम कक्षाएं मोबाइल के जरिये ही बच्चों तक पहुंचीं। मोबाइल क्लास में मामला एकतरफा रहा, टीचर ज्ञान बांटती रही, बच्चे सोते रहे। टीचर बच्चों को पकड़ ना पायी। बच्चे बिना कोडिंग ज्ञान के ही टीचर को चकमा देने में कामयाब रहे, 2020 में यह बात साफ हो गयी।
ऑनलाइन लूट की घटनाएं बढ़ गयीं 2020 में। कोरोना के नाम पर अस्पतालों ने लूटा, फिर वैक्सीन के नाम पर ऑनलाइन लूट होने लगी। कोरोना वैक्सीन की ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर लोगों के बैंक खातों से रकम फरार होने लगी। ऑनलाइन लुटेरों ने लूट की नयी तरकीब हासिल कर ली। ऑनलाइन लुटेरों से बातचीत करने पर पता चला कि वो ऑनलाइन लूट को वर्क फ्राम की तर्ज पर लूट फ्राम होम कहते हैं। कोरोना ने वर्क फ्राम होम के साथ लूट फ्राम होम की प्रवृत्ति को भी बहुत बढ़ावा दिया 2020 में।
कोरोना वायरस 2020 के अंत तक कुछ कमजोर टाइप दिखने लगा है, फिर खबरें आ रही हैं कि कोरोना वायरस का जुड़वा भाई ब्रिटेन में मिला है। ब्रिटिश कोरोना वायरस अपने हिसाब की मार मचा रहा है। हर देश का अलग-अलग कोरोना वायरस झेलना पड़े दुनिया को तो फिर मामला सीरियस हो जायेगा, दुनिया भर में करीब 200 देश है।
राष्ट्राध्यक्ष अगर उत्तर कोरिया के किम जोन टाइप हो गये तो बहुतै आफत हो जायेगी। ऐसे राष्ट्राध्यक्ष तो दावा करने लगेंगे कि हमारा वायरस ज्यादा मारक कि हमारा तो बहुतै मारक। कोरोना वायरस से निवेदन है कि वह राष्ट्रीयता के दायरे में ना बंधे, यह हरकत इनसानों के लिए छोड़ दे। कोरोना तो एक ही टाइप का रहे, सार्वभौमिक टाइप का।
साल बीतते-बीतते यह भी साफ हुआ कि कुछ समय बाद आईपीएल 2022 में दो टीमें बढ़ा दी जायेंगी और टीमों की संख्या दस हो जायेगी। दस नंबर हालांकि बहुत इज्जतदार नंबर है, दस नंबरी आमतौर पर चोर टाइप के लोगों को कहा जाता है। पर कमाई ज्यादा हो जाये तो किसी को भी किसी नंबर पर एतराज नहीं करना चाहिए, 2020 हमें यह सिखा कर गया।