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कैंसर पर जीत के बाद विश्व सुंदरी का खिताब

चर्चा में चेहरा
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ओपल मानती हैं कि यह लोगों के लिये सुंदर काम करने के लिये दिया गया खिताब है। वे उस भारतीय दर्शन की हामी हैं कि दैहिक सौंदर्य अल्पकालिक होता है, लेकिन सुंदर उद्देश्य सार्वकालिक होता है।

अरुण नैथानी

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पिछले दिनों भारत में आयोजित मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारतीय प्रतिनिधि नंदिनी गुप्ता की दावेदारी भले ही शीर्ष बीस तक सिमट कर रह गई हो, लेकिन थाईलैंड की सुंदरी ओपल सुचाता ने विश्व सुंदरी का खिताब जीतकर खूब सुर्खियां बटोरीं। उल्लेखनीय है कि थाईलैंड में भारतीय संस्कृति का व्यापक प्रभाव रहा है, उनके नाम का उच्चारण भी कुछ-कुछ भारतीय-सा लगता, फलत: उनके नाम ने भी भारतीयों का ध्यान खींचा। जिसे भारतीय फिल्मों के प्रति उनकी दीवानगी ने और पुख्ता भी किया। मई महीने में भारतीय दुनियाभर से आई सुंदरियों की चहल-पहल लगातार सौंदर्य प्रतियोगिता से जुड़े विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों के जरिये महसूस करते रहे थे। तेलंगाना के हैदराबाद स्थित हाईटेक्स में संपन्न ग्रैंड फिनाले में आखिरकार ओपल सुचाता के सिर विश्व सुंदरी का ताज सजा।

दरअसल, इस खिताब को जीतकर ओपल सुचाता ने थाईलैंड के 72 साल से मिस वर्ल्ड के ताज के इंतजार को खत्म किया। सुचाता एक साधारण पृष्ठभूमि से आती हैं और विश्व स्तरीय सौंदर्य स्पर्धा के शिखर तक पहुंचती हैं। हालांकि, यह हकीकत है कि सौंदर्य प्रतियोगिता के मानक व उद्देश्य सौंदर्य प्रसाधन बाजार को विस्तार देने का ही एक उपक्रम है। बहुत संभव है हमारे आसपास व दूरदराज के इलाकों में जो वास्तविक विश्व स्तरीय सौंदर्य हो, वो इस प्रतियोगिता के कायदे-कानूनों द्वारा नकार दिया जाएगा। बहरहाल, बहते वक्त की धारा में आज ओपल सुचाता विश्व सुंदरी हैं। उनकी कामयाबी इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि वे एक कैंसर सर्वाइवर हैं। साथ ही लगातार महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक कर रही हैं।

मिस वर्ल्ड के 72वें संस्करण में मिस वर्ल्ड चुनी गई ओपल सुचाता चुआंगश्री ने खिताब हासिल करने के बाद कहा कि उनका ताज सिर्फ थाईलैंड का ही प्रतिनिधित्व नहीं करता बल्कि वह उन करोड़ों महिलाओं की आवाज भी है, जिन्हें अनसुना किया गया। वे उनके हक के लिये खड़ी होंगी। दरअसल, ओपल ने अट्ठारह वर्ष की उम्र से सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। उनका मानना था कि उनका सौंदर्य स्पर्धाओं में भाग लेना नेम-फेम कमाना ही नहीं था, बल्कि इस उपलब्धि को उद्देश्यपूर्ण बनाना ही मुख्य लक्ष्य था। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर थाईलैंड की संस्कृति को भी सम्मान दिलाना एक मकसद था। उल्लेखनीय है कि ओपल वर्ष 2024 में मिस यूनिवर्स स्पर्धा में थाईलैंड का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। तब वह तीसरे स्थान पर आई थीं। मिस वर्ल्ड स्पर्धा के लिये उन्होंने वह खिताब छोड़ दिया। उनका मानना है कि इस खिताब को हासिल करने का उनका मुख्य मकसद यह है कि वे सामाजिक बदलाव की वाहक बन सकें।

ओपल का मानना है कि यह खिताब सिर्फ सौंदर्य मानकों पर खरा उतरना मात्र नहीं है। ओपल मानती हैं कि यह लोगों के लिये सुंदर काम करने के लिये दिया गया खिताब है। वे उस भारतीय दर्शन की हामी हैं कि दैहिक सौंदर्य अल्पकालिक होता है, लेकिन सुंदर उद्देश्य सार्वकालिक होता है। उनका एक सपना यह भी है कि वे एक दिन राजदूत बनें।

दरअसल, 21 वर्षीय ओपल वर्षों से ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी महिलाओं के लिये काम कर रही हैं। वैसे तो हर विश्व सुंदरी अपनी जीत के बाद समाज सेवा और करुणा के प्रति प्रतिबद्धता जताने में पीछे नहीं रहती, लेकिन कैंसर ओपल का भोगा यथार्थ है। वे उस त्रासदी से गुजरी हैं और कैंसर पीड़ितों के दर्द को करीब से महसूस करती हैं। यही वजह है कि उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता का प्रसार करने वाले कई सामाजिक संगठनों के साथ सक्रिय भागेदारी की है। उनका मानना है कि वे नई जिम्मेदारियों के बावजूद ब्रेस्ट कैंसर पीड़ितों के लिए काम करती रहेंगी। उनका कहना है कि महिलाओं को रूटीन चेकअप करते रहना चाहिए। उन्हें डॉक्टर के पास जाने में संकोच नहीं करना चाहिए। यदि इस महामारी का समय रहते पता चल जाए तो इससे बचाव संभव हो सकता है। उनका कहना है कि मैं इस मुद्दे पर लगातार महिलाओं से बात करती रहना चाहूंगी।

ओपल बौद्धिक रूप से समृद्ध हैं और अंतर्राष्ट्रीय संबंध, मनोविज्ञान व मानव से जुड़े विज्ञान में उनकी गहरी रुचि भी है। इतना ही नहीं वे जीव-जंतुओं के प्रति गहरी संवेदना रखती हैं। उनका पशु प्रेम इस बात से झलकता है कि उनके घर में दर्जन से अधिक बिल्लियां व करीब आधा दर्जन कुत्ते पलते हैं।

बहरहाल, विश्व सुंदरी के खिताब से मिली प्रतिष्ठा के साथ ओपल आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर व समृद्ध हुई हैं। उनकी तमाम योजनाएं अब सिरे चढ़ने वाली हैं क्योकि इस खिताब के साथ-साथ उनके खाते में एक मिलियन डॉलर भी आए हैं।

वहीं दूसरी ओर ओपल भारतीय संस्कृति व फिल्मों के प्रति भी खासा लगाव रखती हैं। पिछले दिनों खिताब जीतने के बाद एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि बॉलीवुड की फिल्में उन्हें आकर्षित करती हैं। उन्होंने गंगुबाई फिल्म देखी । यदि मुझे बॉलीवुड में काम करने का मौका मिला तो मैं आलिया भट्ट के साथ काम करना पसंद करूंगी।

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