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प्यार का राग भी तो सुनो रे

तिरछी नज़र
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इधर हमारे फिल्म निर्माता हैं कि अलां फाइल्स, फलां फाइल्स नाम से धड़ाधड़ फिल्में बनाए जा रहे हैं। एक कश्मीर फाइल्स हिट क्या हुई कि उसके निर्माता को तो जैसे चाट ही पड़ गयी।

देखो जी, वैसे तो पिछले कई सालों से इस मुल्क में मोहब्बत की दुकान चल रही थी। लेकिन लोगों का कहना था कि वास्तव में धंधा तो नफरत का ही हिट रहा। शायद इसीलिए खुद मोहब्बत की दुकान चलाने वालों ने भी अब उस दुकान पर बैठना छोड़ दिया है और वोटों की रखवाली शुरू कर दी है। लेकिन इधर जब से सैयारा नामक फिल्म हिट हुई है तब से लोगों को लगने लगा है कि नहीं यार मोहब्बत का धंधा भी बुरा नहीं है। इससे उदयपुर फाइल्स वाले भाई साहब बहुत भड़के हुए हैं। असल में उनकी उदयपुर फाइल्स फिल्म पिट गयी है। बताते हैं कि कोई दस करोड़ की लागत से बनी यह फिल्म करोड़-दो करोड़ भी नहीं कमा पायी। घाटा लगा है साहब तो भड़कना तो बनता है न। किस-किस से लड़कर तो फिल्म रिलीज करवायी थी। फिर भी पिट गयी।

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अब जनाब एक बात तो यह समझ में न रही कि हर कोई फाइल्स ही क्यों बनाना चाहता है। एक तरफ तो सरकार है जो लाल फीताशाही से मुक्ति देने की बात कहती है। फाइलों का झंझट ही खत्म करना चाहती है। पता है मोदीजी की सरकार ने हजारों-हजार फाइलें तो इसीलिए नष्ट कर डाली थीं कि वे वर्षों से धूल खा रही हैं और किसी काम की नहीं। हटाओ इन्हें-जला दो इन्हें, फूंक डालो यह दुनिया टाइप से।

और इधर हमारे फिल्म निर्माता हैं कि अलां फाइल्स, फलां फाइल्स नाम से धड़ाधड़ फिल्में बनाए जा रहे हैं। एक कश्मीर फाइल्स हिट क्या हुई कि उसके निर्माता को तो जैसे चाट ही पड़ गयी। जैसे कोई पक्का दफ्तरी टाइप का बाबू नयी-नयी फाइलें बनाने में जुटा रहता है, वैसे ही यह भाई साहब भी फाइल्स बनाने में जुट गए- ताशकंद फाइल्स बना दी। अब बंगाल फाइल्स बना दी। उधर केरल फाइल्स बन गयी। उसे देखने की तो खुद मोदीजी ने ही सिफारिश कर डाली थी। अब यह उदयपुर फाइल्स लेकर आ गए। ये लोग ऐसे फाइल्स बना रहे हैं जैसे हर राज्य, हर शहर की अलग फाइल बनाने के लिए सरकार ने कह दिया हो। अरे फाइलबाजी कौन पसंद करता है यार। और फिर आपकी यह फाइलें तो नकारात्मकता और न जाने किस-किस से भरी हुई हैं। भाई यह सब टीवी चैनलों के प्राइम टाइम पर मुफ्त में देखने को मिल जाता है तो पैसे खर्च करके आपकी फाइल्स कोई क्यों देखेगा। और इसमें भड़कने की क्या बात है। अरे कंगनाजी से सीखो यार। इमरजेंसी-उमरजेंसी पिटने के बाद भी वे किसी दिन मंडी फाइल्स लेकर आ सकती हैं जिसके बाद लोगों की सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी। तो भैया सैयारा के लिए ताली बजाओ यार। उसके हिट होने पर भड़कना क्या। प्यार का राग सुनो न।

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