अशोक गौतम
हे ट्रंप जी! तुस्सी ग्रेट नहीं, तुस्सी ग्रेटर भी नहीं, तुस्सी ग्रेटेस्ट हो जी! तीसरे विश्वयुद्ध को लालायित दुनिया में तुम शांतिदूत का साक्षात् अवतार हो। भगवान हर जगह शांति स्थापित करने नहीं आ सकते। इसलिए वह केवल आपको और केवल आपको अपना शांतिदूत बनाकर दो लड़ने वालों के बीच शांति स्थापना करने को भेज देते हैं। आपकी हट्टी वह शांति की हट्टी है जहां गारंटिड झगड़े व गारंटिड फैसले करवाए जाते हैं।
हे ट्रंप जी! जब से आप शांतिदूत के नए अवतार में आए हैं, चारों ओर आपका ही डंका बज रहा है। हे ट्रंप जी! युद्ध करवाने पर जिसका हक हो शांति करवाने पर भी उसी का हक होता है।
हे ट्रंप जी! आपने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया। आपने इस्राइल और ईरान के बीच सीजफायर करवाया।
ट्रंप जी! अब मेरे यहां भी सीजफायर करवा दो प्लीज! मेरी बीवी और मुझमें उसी दिन से वर्चस्व के लिए संघर्ष चल रहा है जबसे हमारी रिंग सेरेमनी हुई है। पूरे चालीस साल हो गए हम दोनों के बीच भीषण युद्ध चलते हुए। हालांकि, बीच-बीच में हमारे युद्ध को खत्म करवाने को मेरे रिश्तेदारों ने कोशिश भी की, पर कोई बात नहीं बनी। वे सीजफायर! सीजफायर! चिल्लाते रहे और हम दोनों एक-दूसरे पर अस्त्र-शस्त्र चलाते रहे। अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि वह मुझे युद्ध के लिए उकसाए और मैं हाथ पर हाथ धरे बैठा रहूं। अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि मैं उसे युद्ध के लिए उकसाऊं और वह हाथ पर हाथ धरे बैठी रहे। जान से अधिक मर्दानगी तो मुझे भी अपनी भी प्यारी है ट्रंप साहब! प्यार, मनुहार, इजहार, इकरार सबकुछ तो घरेलू युद्ध की भेंट चढ़ चुका है।
हे ट्रंप जी! हमारे घर में नौ पहर चौबीस घंटे युद्ध चला रहता है। मुझे चपाती जली मिली तो मैं बीवी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर देता हूं। बीवी को जो बाजार से मेरे द्वारा लाई फार्म फ्रेश सब्जी में गलती से मरा कीड़ा मिल जाए वह मुझ पर सीधा अटैक करती है, बिना किसी पूर्व चेतावनी के।
हे ट्रंप जी! मेरी बीवी तो युद्ध करते-करते अभी तक नहीं थकी। पता नहीं उसे पीछे से कौन सपोर्ट कर रहा है? मुझे पता है कि उसके रिश्तेदार मुझे सपोर्ट करने का नाटक करते उसे डटकर असलहा मुहैया करवा रहे हैं। आपकी कसम ट्रंप जी! अपने घर में अपनी ही बीवी के खिलाफ मैं धर्म युद्ध लड़ता-लड़ता थक गया हूं। मेरा साहस अब जवाब दे रहा है।
अब आप हमारे बीच मध्यस्थता करके अब सौ प्रतिशत गारंटी वाली सीजफायर करवा दीजिए प्लीज!