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खान सर की क्लास

ब्लॉग चर्चा
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ब्रिटिश पत्रिका द इकोनॉमिस्ट की सहयोगी पत्रिका 1843 अपने लॉन्ग रीड्स (लंबे आलेख) के लिए प्रसिद्ध है। इस बार इसमें एक लंबी कथा भारत पर है। ऐसी कथा भारतीय मीडिया में होनी चाहिए, पर शायद उनके पास फुर्सत नहीं है। जिस तरह से खान सर के यहां रेलवे की नौकरी पाने के इच्छुक लोगों की भीड़ है, वैसे ही भीड़ पत्रकार बनने के इच्छुक लोगों की भी है। बहरहाल यह लेख अंग्रेजी में है, पर हिंदी पाठकों की सुविधा के लिए इसके हिंदी मशीन अनुवाद के साथ कुछ अंश यहां पेश हैं। तीन करोड़ भारतीय रेलवे में नौकरी चाहते हैं, लेकिन एक भयावह सामान्य ज्ञान परीक्षा उनके रास्ते में रोड़ा बनी हुई है।

वर्ष 2019 की गर्मियों में, नीरज कुमार नाम का एक 23 वर्षीय छात्र दिल्ली से पूर्वी भारत के पटना शहर जाने वाली स्लीपर ट्रेन में सवार हुआ। बर्थ उसकी पहुंच से बाहर थी, इसलिए उसने 16 घंटे की यात्रा के दौरान ज़मीन पर सोने की योजना बनाई। कुमार एक होशियार लड़का था। पहले तो उसका सपना एक फुटबॉलर बनने का था, लेकिन फिर उसने तय किया कि वह अपने बड़े चचेरे भाई की तरह इंजीनियर बनेगा। वर्ष 2015 में उसे राजस्थान के एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला मिल गया। अचानक उसकी ज़िंदगी बदल गई। वह क्लास के बाद बैडमिंटन खेलता था। उसे राजनीतिक फिल्में पसंद थीं, ऐसी कहानियां जो एक निचली जाति के बच्चे के रूप में उसके साथ हुए अन्याय को नाटकीय रूप से दर्शाती थीं।

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इन फिल्मों के नायक हमेशा मुश्किलों का सामना करते नज़र आते थे। स्नातक होने के बाद, कुमार दिल्ली चले गए और कड़ी प्रतिस्पर्धा वाली सिविल सेवा परीक्षा देने लगे। उनके पिता ने उन्हें खाने-पीने और किराए के लिए पैसे भेजे। कुछ महीनों बाद उनकी बहन की सगाई हो गई और भुगतान बंद हो गया। भारत में शादियां एक महंगा काम है। कुमार ने सुना था कि रेल मंत्रालय में सिविल सेवा से कहीं ज़्यादा नौकरियां उपलब्ध हैं। उन्होंने 2018 में आवेदन किया था, लेकिन प्रक्रिया में गड़बड़ी कर बैठे। एक दोस्त ने उन्हें सलाह दी कि वे पटना के मुसल्लहपुर हाट में अगले दौर की परीक्षा का इंतज़ार करें।

भारतीय समाज में सरकारी नौकरियों को विशेष सम्मान दिया जाता है। ऐसे लोग ज़्यादा दहेज़ मांग सकते हैं। मुसल्लहपुर में परीक्षा ट्यूटर अभिषेक सिंह कहते हैं, ‘अगर आप किसी शादी में हों और कहें कि आपकी सरकारी नौकरी है, तो लोग आपको अलग नज़र से देखेंगे।’ मुसल्लहपुर के होर्डिंग्स पर, खान सर का चेहरा किसी भी दूसरे ट्यूटर से ज़्यादा बार दिखाई देता है। उनके यूट्यूब चैनल के 2.5 करोड़ सब्स्क्राइबर हैं और देश भर से छात्र उन्हें देखने आते हैं। चर्चित हस्ती खान सर अपनी निजी जानकारी साझा करने में बेहद सावधानी बरतते हैं।

साभार : प्रमथेश डॉट ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम

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