Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

सौंदर्य से मालामाल कानाताल

ब्लॉग चर्चा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

तेजस कपूर

कानाताल उत्तराखंड में है। मनोरम परिदृश्यों से ओतप्रोत यह राज्य दिव्य पर्वतराज हिमालय से रक्षित, भारतवर्ष की अनेक पावन नदियों से सिंचित, विभिन्न वन्यजीवों तथा विविध वनस्पतियों से विभूषित प्रसिद्ध धरा है। वनों की हरियाली, सरोवरों, पर्वतों, नदियों आदि की सुन्दरता, साथ ही उनके साथ जुड़ी विभिन्न देवी-देवताओं की कथाएं व किंवदंतियां ही वे कारण हैं जिनसे इस राज्य का नाम देवभूमि पड़ा। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में कानाताल एक गांवखेड़ा है।

Advertisement

कानाताल शब्द दो शब्दों के मेल से बना है, काना अर्थात‍् सूखा तथा ताल अर्थात‍् सरोवर। कानाताल गढ़वाल हिमालय के बन्दरपूंछ पर्वत शृंखला के अप्रतिम दृश्यों के लिए जाना जाता है। कानाताल एवं आसपास के क्षेत्रों के भ्रमण का सर्वोत्तम समय है, ग्रीष्म ऋतु में अप्रैल से जुलाई मास तक। वर्षा ऋतु में कानाताल भ्रमण को टालना बुद्धिमानी होगी। यहीं का एक और पवित्र स्थल है सुरकंडा देवी मंदिर। यह मंदिर कानाताल पर्वतमाला की सर्वोच्च चोटी पर स्थित है। मंदिर परिसर से गढ़वाल हिमालय एवं बन्दरपूंछ पर्वत शृंखला का चौतरफा दृश्य दिखाई देता है। इस मंदिर से किंचित दूर एक अन्य शक्तिपीठ है जिसका नाम कुंजापुरी मंदिर है।

कानाताल तीन ओर से घने कौड़िया वन से घिरा हुआ है। यह वन साहसिक चढ़ाई एवं सफारी के लिए लोकप्रिय है। इस इलाके के भ्रमण में टिहरी बांध का जिक्र कैसे छूटे। टिहरी बांध का जलाशय 70 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। टिहरी बांध एवं टिहरी जलक्रीड़ा पर्यटन संकुल कानाताल से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कानाताल के आसपास अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं, धनौल्टी, मसूरी, आध्यात्मिक राजधानी ऋषिकेश एवं हरिद्वार।

अनेक प्रकार के प्रकृति शिविर तथा साहसिक रोमांचक शिविर यहां उपलब्ध हैं जो आपको प्रकृति के सान्निध्य में रोमांचक गतिविधियां प्रदान करते हुए सुखदायक विश्राम का सुअवसर देते हैं। अनेक होमस्टे अर्थात‍् घर जैसी व्यवस्थाएं हैं जहां आपको स्थानीय गढ़वाली व्यंजन का आस्वाद लेने का सुअवसर प्राप्त होगा। अनेक लक्ज़री रिसॉर्ट्स हैं। इस क्षेत्र में घूमने के लिए यदि जाने का मन बने तो आपके लिए कहीं भी ठहरने संबंधी दिक्कत नहीं आएगी। मन में आध्यात्मिकता का भाव हो तो फिर आनंद कई गुना बढ़ जाएगा।

साभार : इंडिया टेल्स डॉट कॉम

Advertisement
×