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लाज होती तो भिखारी क्यों होते

उलटबांसी
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पाकिस्तान से दुनियाभर में तीन प्राणी जाते हैं एक भिखारी, दो आतंकी और तीसरे गधे। पाकिस्तान गधों का भारी मात्रा में निर्यात करता है।

भिखारी होना बहुत मुश्किल काम है और ऐसा भिखारी होना तो बहुत ही मुश्किल काम है जो खुद को टाॅप क्लास अमीर समझता है।

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पाकिस्तान के साथ यही हो रहा है। पाकिस्तान को अमीर देशों की बहुत चिंता रहती है क्योंकि भीख यहीं से मिलती है। इस्राइल ने यमन में, सीरिया में बमबारी की है, पाकिस्तान को कोई चिंता नहीं हुई। कतर में इस्राइली बमबारी के बाद पाकिस्तान चिंतित हो उठा। कतर दाता देश है, पाकिस्तान भिखारी है, दाता की चिंता करनी पड़ती है। भिखारी को कई बातें भूलनी पड़ती हैं। इस्राइल ने कहा कि पाकिस्तान आतंकी देश है। पाकिस्तानी नेता हंस कर चुप हो जाते हैं, क्योंकि इस्राइल के ऊपर अमेरिका का हाथ है।

अमेरिका के पैर पकड़कर पाकिस्तान दो-चार मिलियन डालर इधर-उधर से बटोर लाता है। ट्रंप का नाम नोबल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करता है पाकिस्तान, इन्ही ट्रंप के समर्थन से इस्राइल कतर की तुड़ाई करता है। पाकिस्तान फिर कहता है कि ट्रंप को नोबल दो। ट्रंप समर्थित इस्राइल मार तुड़ाई मचाये हुए है। पाकिस्तान को समझ नहीं आ रहा है कि जिसके लिए शांति का नोबल मांगा, उसका समर्थक देश ही कतर में अशांति मचाये हुए है। पर पाकिस्तान की हिम्मत नहीं है कि अमेरिका से कह दे कि हे नोबल शांति के इच्छुक ट्रंप, इस्राइल से कहिये कि हमारे एक दाता देश कतर में शांति करवा दे। पाकिस्तान की औकात नहीं कि यह बात ट्रंप से बोल दे। वहीं से भीख मांगनी है। पाकिस्तान सतत भिखारी देश है, उसकी हिम्मत सिर्फ आतंक मचाने की है। सच बोलने की हिम्मत पाकिस्तान में नहीं है।

पाकिस्तान इस्राइल को मान्यता नहीं देता। यह बात इस्राइल के लिए राहत की बात है। जिन देशों को पाकिस्तान मान्यता देता है, वहां पाकिस्तानियों का आना जाना होता है। जहां पाकिस्तानियों का आना जाना है, वहां बहुत तनाव हो जाता है। अरब देश परेशान हैं कि पाकिस्तान से भिखारियों के जत्थे के जत्थे चले आते हैं। दुनिया के भिखारियों की जनसंख्या का आकलन हो, सबसे ज्यादा अनुपात पाकिस्तानियों का निकलेगा। पाकिस्तान से दुनियाभर में तीन प्राणी जाते हैं एक भिखारी, दो आतंकी और तीसरे गधे। पाकिस्तान गधों का भारी मात्रा में निर्यात करता है।

कतर पहुंचे जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री तो कतर के लोग यही सोचकर परेशान हो गये कि फिर आ गये, अब कुछ लेकर ही जायेंगे। विकट भिखारी टलता नहीं है, जब तक कुछ ले न ले। पड़ा ही रहता है कि कुछ ला, तब ही जाऊंगा।

भिक्षाटन मुश्किल काम है। बेशर्मी बहुत चाहिए। पर शर्म होती तो भिखारी क्यों होते जी।

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