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गाड़ी करे सवाल तो वो क्या जवाब दें

व्यंग्य/तिरछी नजर
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मुकेश राठौर

दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को तेल न दिए जाने की खबर जब से चली है गाड़ियों में भयंकर निराशा का माहौल है। होना भी चाहिए। ट्रेन को बिजली, टीवी को सिग्नल, मोबाइल को नेटवर्क... मिलना यकायक बंद हो जाए, निराशा तो होगी ही। जानदार हो या बेजान बिन ‘पानी’ सब सून। पूछती है पुरानी गाड़ियां हमारा कसूर ही क्या है? कसूर बस इतना कि पुरानी हो गई। पुरानी चीज एक दिन बुरी लगने लग जाती है। गाड़ी, लाड़ी हो या मां-बाप। पुराने होने का क्या है साहब! कोई चीज पल में पुरानी हो सकती है। कंगना की खनखनाहट में छन-छनाती नूपुर देखते ही देखते स्मृति बनकर रह जाती है।

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आदमी हो या गाड़ी पुराना पड़ने पर उसका उपयोग कम कर दिया जाता है। उपयोग कम हुआ तो उसका खान-पान भी बंद कर दिया जाता है। खान-पान बंद हुआ तो दौड़-भाग स्वत: बंद हो जाती है।

दिल्ली देश की राजधानी है। देशभर के समाजसेवी इधर आते रहते हैं। समाजसेवी कोई पैदल या पब्लिक वाहन से तो चलते नहीं। जितने समाजसेवक उतनी गाड़ियां। चेले-चपाटियों को जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा कहीं आगे निकल जाता है। यही वजह रही कि इधर ऑड-ईवन फार्मूला लागू किया गया था।

वैसे तो भैया जी नई-नई चीजों के शौकीन है लेकिन गाड़ी अब भी पुरानी ही चाहते हैं। उनका मानना है कि यही गाड़ी उन्हें गांव से दिल्ली लेकर आई। सो उसे छोड़ना नहीं चाहते थे, कोई कैटलाइजर या गॉड फादर होता तो कब से छोड़ चुके होते। वे हमेशा दोहराते हैं मर जाएंगे मगर न तो गाड़ी छोड़ेंगे और न दिल्ली। यह बात गाड़ी भी जानती है, मगर वह बेचारी क्या करे क्योंकि वह नए नियमानुसार पुराने के फेर में फंस गई है।

तेज रफ्तार और तेल की धार से बहुत जल्दी दूर होने वाली है। इससे पहले कि वह कबाड़ हो जाए एक रात वह भैया जी के सपने में आई, बोलीं, ‘सुना है आगे से पुरानी गाड़ियों को तेल नहीं दिया जाएगा?’ ‘हां,तुमने सही सुना है’ भैया जी ने कहा। लेकिन मैं तो तुम्हारे हर सुख-दुख में साथ रही। जब पहली बार टिकट कटा तब भी और दूसरी बार टिकट लेकर लौटे तब भी। चुनाव के समय मेरे पेट में दारू की बोतलें भर कार्यकर्ताओं को बंटवाई, नोटों की गड्डियां रखवाई, परिणाम वाले दिन लाठियां ढुलाई, जीत पर माथा फोड़ खड़े-खड़े रैली घुमाई तब भी...। गांव से हम साथ चले थे। मेरा रिटायरमेंट दस साल में अफसोस तुम्हारा पचहत्तर साल बाद भी नहीं। एक पुरानेपन के कारण जिस तरह आज मुझे तेल से वंचित किया जा रहा है इसी पुरानेपन के कारण कल को जनता ने तुम्हें वोटों से वंचित कर दिया तो क्या करोगे?

भैया जी का सपना टूटा,वे उठ बैठे। गाड़ी के सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं था बल्कि इस एक सवाल से और कई सवाल खड़े हो गए थे।

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