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वो तो ज़िंदगी का सर्वर ही डाउन कर गया

तिरछी नज़र

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रेखा शाह आरबी

घूरामल किसी बात से दुखी नहीं होते हैं। जीवन में बड़ी से बड़ी घटना हो जाए। किसी बात से नहीं प्रभावित होते हैं। दुख-सुख उन्हें मौसम की तरह लगते हैं। जीवन पर इतना ज्ञान शिवखेड़ा की मोटिवेशनल पुस्तकों को पढ़कर अपने में उतार लिए थे। लेकिन अचानक से इंस्टा और फेसबुक डाउन क्या हुआ उनका तो सारा ज्ञान धरा का धरा रह गया। उनकी अतरंगी दुनिया अचानक से उन्हें बदरंग नजर आने लगी। और दुख के मारे तो फेसबुक से ज्यादा उनका बीपी ही डाउन हो गया। एक घंटे में ही उनकी दुनिया अंधेरी हो गई, दुनिया से मोह भंग हो गया। उन्हें लगने लगा अब मैं इस दुनिया में रहकर क्या करूंगा। जहां पर कोई अपना ही मौजूद नहीं हो। रियल दुनिया में आजकल अपना है ही कौन यह तो फेसबुक और इंस्टा के मित्र ही हैं जो अपनापन दिखाकर जिंदा रख रहे हैं। इस बेरंग दुनिया में थोड़े से रंग भरे हुए हैं।

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पहले तो उन्हें लगा कि उनका अकाउंट किसी ने हैक कर लिया है। फिर सोचा मेरे जैसे निकम्मे और बेरोजगार बेकार की आईडी हैक करने के बाद आखिर क्या मिलेगा। तो वह बार-बार लाॅग-इन करने की कोशिश करते रहे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि सरवर ही डाउन है। जिसकी वजह से उनकी दुनिया उजड़ रही है। वह तो भला हो व्हाट्सएप के मित्रों का जिन्होंने उनको और उनकी दुनिया को उजाड़ने से बचा लिया उन्होंने बताया कि सर्वर डाउन है।

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इतना सुनने के बाद उन्हें लगा क्या पता उनकी आईडी वापस ही न आए तो वह क्या करेंगे। यह सोचकर तो उनकी रूह तन से परवाज कर गई। वह तो मरने से भी डरने लगे। क्योंकि अभी तत्काल मरने पर इसका भी डर था कि सारे दोस्त श्रद्धांजलि कहां देंगे। और बिना श्रद्धांजलि के मरने में क्या मजा है। मरना भी तभी सार्थक है जब हजार दो हजार ओम शांति ओम शांति करके उन्हें इस भूलोक से मुक्ति दिलाएं। पहले लोगों की इच्छा होती थी कि मरने के बाद धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ श्मशान यात्रा में जाएं। अब के लोगों के मरने के बाद इच्छा होती है कि कम से कम पांच-दस हजार लोग उन्हें ओम शांति ओम शांति करके श्रद्धांजलि दें। लेकिन जब साधन ही लापता है तो साध्य कहां से होगा, इसीलिए उन्होंने मरना कैंसल कर दिया।

उनकी घबराहट बढ़ती ही जा रही थी बीपी जब ज्यादा लो होने लगा तो चक्कर आने लगा। तो उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाने की नौबत आ गई। लेकिन वहां पर तो अलग ही सारे कर्मचारी और डॉक्टर अपने-अपने स्थान से गायब होकर एक-दूसरे से पूछ रहे थे इंस्टा और फेसबुक कब आएगा। लोगों ने शायद इतना भगवान को याद नहीं किया होगा जितना कुछ ही देर में इंस्टा और फेसबुक को याद कर लिया।

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