मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

गिरगिट की तरह रंग बदलती है दोस्तियां

उलटबांसी
Advertisement

पाकिस्तान ऐसे खुश होता है जैसे पुरानी फिल्म के विलेन को अचानक हीरो की ड्रेस मिल जाए। कोने में खड़ा पाकिस्तान सोचता है –अब तो मेरा नंबर आ गया, सऊदी ने इंडिया का दिल छोटा किया और मेरी झोली में डिफेंस

डील डाल दी।

Advertisement

सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ डील कर लिया कि अगर हम पर हमला हो, तो हमें बचाना। सऊदी का दोस्त यूं अमेरिका भी है। पर अमेरिका के हर दोस्त को समझ आ लिया है कि अमेरिका किसी का दोस्त नहीं है। सब अपना-अपना इंतजाम देखो जी। यूं सऊदी अरब पाकिस्तान का खास दोस्त हो गया है पर सऊदी अरब भारत का भी दोस्त है। बस दोस्ती का प्लान बदल गया है। पहले ये दोस्ती थी प्रो मैक्स वर्जन वाली, जिसमें हर चीज़ भारी-भरकम और स्पेशल थी। मगर अब सऊदी अरब कह रहा है, ‘भाई, प्रो मैक्स से काम नहीं चलेगा, थोड़ा इकॉनोमी साइज कर लेते हैं, फिर भी दोस्ती है।’

इसी वक्त, कोने में जाकर पाकिस्तान सोच रहा है, ‘वाह! मेरे भाई ने कमाल कर दिया! मैं तो खुश हूं, ये प्रो मैक्स वाली दोस्ती छूट गई और इकॉनोमी में सिमट गई।’ अब पाक को लगता है कि सऊदी ने उसकी बात मान ली है, और उसने भारत के प्रो मैक्स डील को इकॉनोमी में बदलवाकर अपने लिए एक बड़ी जीत हासिल की है।

लेकिन भारत का जवाब यही हो सकता है—‘अरे दोस्त, दोस्ती तो दोस्ती है, चाहे प्रो मैक्स हो या इकॉनोमी।’

सऊदी अरब की डिप्लोमेसी भी ऐसी है कि सबको साधना है। सऊदी के पास हथियार हैं, पर चलाना नहीं आता। शेख साहब हथियार चलाने के लिए भी नौकर चाहते हैं, वो पाकिस्तान से आ जायेंगे। शेख साहबों को तेल मिल गया, रकम मिल गयी, हथियार मिल गये, पर चलाने की इच्छा नहीं है। सऊदी अरब पाक और भारत दोनों देशों को सैट रखना चाहता है- दोनों देशों को आश्वासन—‘आपकी दोस्ती अमर रहे! लेकिन डील में थोड़ा एडजस्ट कर लो।’ भारत तो इकोनॉमी साइज देखकर थोड़ा नाराज होता है, लेकिन सऊदी डिप्लोमैटिक स्टाइल में मुस्करा देता है—‘अजी, कल तो फिर प्रो मैक्स हो जाएगा, आज थोड़ा इकोनॉमी चलाओ।’

पाकिस्तान ऐसे खुश होता है जैसे पुरानी फिल्म के विलेन को अचानक हीरो की ड्रेस मिल जाए। कोने में खड़ा पाकिस्तान सोचता है –अब तो मेरा नंबर आ गया, सऊदी ने इंडिया का दिल छोटा किया और मेरी झोली में डिफेंस डील डाल दी।

पाकिस्तान–हमेशा मोहल्ले के बच्चे की तरह हंसता है कि ‘अरे आज तो मेरे हिस्से की चॉकलेट मिल गई!’ लेकिन कल फिर सऊदी की दुकान में प्रो मैक्स पैक इंडिया चला जाएगा, तब फिर वो खुद इकोनॉमी के कागज में लिपट जाएगा। दोस्तियों का हाल शेयर बाजार जैसा हो गया है, कब डूब जाये, कब चढ़ जाये, कुछ नहीं कह सकते। दोस्तियां अब प्रो मैक्स से इकोनोमी तक का सफर हैं।

Advertisement
Show comments