मनीष कुमार चौधरी
इश्क की राह है। कुछ भी हो सकता है। वैसे भी प्रेम-गली को संकरी कहा जाता है और हर कोई इससे गुजरने को बेताब है। इसलिए पटाने के जितने चांसेज होते हैं, पिटने के उससे ज्यादा। आधुनिक प्रेमिका का लाज-शर्म से कोई वास्ता नहीं होता। उसे आप जितनी आसानी से पटा सकते हैं, उससे कहीं ज्यादा आसानी से वह पीट सकती है। एक सर्वे के मुताबिक हर वैलेंटाइन डे पर सत्तर फीसदी से ज्यादा प्रेमी पिटते हैं। पचास प्रतिशत को प्रेमिकाएं पीटती हैं, शेष बीस प्रतिशत को बजरंग दल या शिवसेना वाले पीट डालते हैं।
वैसे भी प्रेम में पिटने को प्रेमी अपमान नहीं समझता। वह इसे गलत प्रेमिका के चयन की संज्ञा देता है। फिर दो-चार बार जब वह पिट-पिटा जाता है तो उसकी आदत में आ जाता है। वह पिटता रहता है, लड़कियां पीटती रहती हैं। लड़कियों से पिटने में जो सुख मिलता है, वह मां-बाप या मास्टरजी के पीटने से कहीं ज्यादा सुखद और प्रेरक होता है। किसी भी पिटे हुए प्रेमी से पूछकर आप इस बात की तस्दीक कर सकते हैं। वह कहेगा, हां बड़ा मजा आता है, जो जितनी बार इश्क के युद्ध में पिटता है, असली प्रेमी वही होता है। पिटने के बाद प्रेमी के प्रेमी होने में कोई संदेह नहीं रहता। वह समाज में मान्यता प्राप्त और घोषित प्रेमी सिद्ध हो जाता है। जिस तरह जीवन में संघर्ष कर आदमी पकता है, वैसे ही प्रेमी पिटकर प्यार की गहराई को समझ पाता है। रूखे-सूखे प्रेम करने में यूं भी आनंद कहां! जो प्रेमी बिना पिटे इश्क की परीक्षा में पास हो जाता है, वह अक्सर वीरगति यानी विवाह को प्राप्त होता है। जाहिर-सी बात है, जब कोई प्रेमी पिटता है तो उसका सोया प्यार जाग उठता है। सोते हुए से उठा शेर और प्रेम के मारे जागे प्रेमी में ज्यादा फर्क नहीं होता। दोनों आक्रामक होते हैं। इस अवस्था में प्रेमी आगा-पीछा नहीं सोचता। इश्क का भूत उस पर इस तरह तारी रहता है कि वह ‘जो होगा सो देखा जाएगा’ की रणनीति अख्तियार कर लेता है।
मेरे पड़ोस में एक ऐसा ही टैलेंटेड प्रेमी रहता है। उम्र उसकी जुम्मा-जुम्मा अठारह है। लेकिन इस छोटी-सी उम्र में वह कोई सौ बार से भी ज्यादा पिट चुका है। उसके पास सारा हिसाब है। कितनी बार कन्याओं ने पीटा और कितनी बार कन्याओं के बाप-भाइयों ने। वह जितनी बार पिटता है, स्वयं को उतना ही गौरवान्वित महसूस करता है। इश्क की राह में उसने छठी क्लास में ही कदम रख लिया था। अब वह इतना अनुभवी हो चुका है कि इश्क के फील्ड में नए-नवेलों के लिए वह ‘लव-गुरु’ बन गया है। नौसीखिए प्रेमी-प्रेमिका उसके पास इश्किया टिप्स लेने आते हैं।