शमीम शर्मा
ज्ञानी को समझाया जा सकता है, अज्ञानी को भी समझाया जा सकता है पर अभिमानी को समझाने की संभावनायें शून्य हैं। ऐसे लोगों का समय ही गुरु है, वो ही ठिकाने लगाता है। कितने अचम्भे की बात है कि कोरोना के कारण जगह-जगह स्कूल-कॉलेज बंद, बाजार-व्यापार बंद, रेस्टोरेंट बंद, मॉल बन्द, आवागमन बंद पर नेताओं के मुंह के शटर खुले हैं। उनकी रैली और मेले बुलंदियों पर हैं। इधर कोरोना नित नये रिकॉर्ड बना रहा है और उधर नेतागण रैलियों में भीड़ का रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं।
दो गज की दूरी का फार्मूला रैलियों को छोड़कर शेष जगहों पर लागू होता है। हे राम! हमारे नेता कितने खतरनाक हैं कि नेताओं से तो कोरोना भी भयभीत है। उनके समारोहों में जाने की वह भी हिम्मत नहीं जुटा पाता। चुनावी इलाकों में ऐसी कौन-सी बाड़ लगी है कि कोरोना वहां घुस ही नहीं सकता। एक बार गली में आवाज आ रही थी—सौ रुपये में पूरा परिवार बैठ कर खाइये, बाहर निकल कर देखा तो चटाई बेचने वाला था। इसलिये घोषणाओं से सावधान रहें। इस बार के चुनावों में एक बुद्धिमान ने मुझे आम चुनाव का मतलब समझा दिया। मुझे यह बताया गया कि गले-सड़े आमों में से आम चुनने का मतलब होता है—आम चुनाव।
पिछले दिनों दिल्ली में लाल बत्ती पर जब मेरी कार रुकी तो मैंने सोचा खड़ी गाड़ी में आराम से पानी पी लूंं। जैसे ही बोतल हाथ में पकड़ कर मास्क हटाया तो कार के सामने खड़े सिपाही ने एक हजार रुपये का चालान काट दिया। मेरी एक नहीं सुनी और मुझे धमकाते हुये कहा—घर से पानी पीकर चला करो। घाट-घाट का पीने पीये हुये नेताओं ने कोरोना से लेकर पुलिस व कानून-कायदे तक को पानी पिला रखा है। पर दूसरी तरफ जिस आंगन में कोरोना से किसी परिजन के मरने की खबर आती है, वहां कोई पानी का घूंट नहीं मांगता। अनवरत रो-रोकर उनके कंठ अवरुद्ध हो रहे हैं।
किरण मजूमदार ने ट्वीट किया है कि इनकम टैक्स भरने वालों को सबसे पहले टीका लगाओ क्योंकि उनकी संख्या सिर्फ तीन करोड़ है। वे ही चल बसे तो देश कैसे चलेगा? एक मनचले का कहना है कि जैसे चेचक को माता का दर्जा मिला है, वैसे ही कोरोना को ससुर का दर्जा मिलना चाहिए। इसने सबके चेहरे ढकवा दिये।
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एक बर की बात है अक नत्थू अपणी लुगाई तै बोल्या—हां ए! तन्नैं जो सब्जी बनाई है, उसका नाम के है? रामप्यारी बोल्ली—क्यूं के रड़क है, क्या खात्तर बूझै है? नत्थू बोल्या—जै स्वर्ग मैं यमराज नैं बूझली अक के खाकै मर्या था तो के जवाब द्यूंगा?