आलोक पुराणिक
आईपीएल टूर्नामेंट के प्रमुख स्पांसर के तौर पर अब खुलकर चाइनीज ब्रांड वीवो का नाम आ रहा है, सर्वत्र शांति है। पिछले साल चीन के खिलाफ उबाल था, तो वीवो का नाम आईपीएल टूर्नामेंट से गायब हो गया था। अब पब्लिक क्रिकेट में मगन है, चाइनीज विरोध का मौसम चला गया है। क्रिकेट चाइनीज है, मोबाइल चाइनीज हैं, दिल भी चाइनीज हैं।
कभी लगता है कि हम क्या, पाक क्या दुनिया ही चाइनीज हुई जा रही है। मोबाइल अधिकांश चाइनीज हो लिये हैं या कोरियन, बचे-खुचे मोबाइल अमेरिकन या जापानी हैं और बचे-खुचे के भी बचे-खुचे जो हैं, वही भारतीय मोबाइल रह गये हैं। हर दस में से सात स्मार्टफोन चाइनीज हैं। यूं हम भारी राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत हैं। भावनाएं राष्ट्रीय हैं, पर फोन चाइनीज हैं। सपने अमेरिकन हैं।
पाकिस्तानी आतंक के पीछे चीन का फाइनेंस है। चीन का फाइनेंस कहां से आता है, जी वह उन भारतीयों की जेब से भी आता है, जिनके हर दस स्मार्टफोनों में से सात चाइनीज होते हैं। दस में सात स्मार्टफोन चाइनीज हैं, पर दिल हिंदुस्तानी है, जिसकी भावनाएं चाइनीज टाइप हैं, कतई फर्जी हैं।
दिल हिंदुस्तानी बचा है यह कहना मुश्किल है। कइयों के दिल का आपरेशन हो चुका है, दिल में आपरेशन के बाद एक उपकरण डाल दिया जाता है, जिसे स्टेंट कहा जाता है, यह चाइनीज हो सकता है। इस तरह के मामलों में दिल भी चाइनीज माना जा सकता है।
चीन बहुत गहरे तक घुसा हुआ है, दिल से लेकर दिमाग तक, मोबाइल से लेकर स्टाइल तक। बड़े-बड़े भारतीय स्टार चाइनीज ब्रांडों के इश्तिहार कर रहे हैं। पर इधर बैडमिंटन जगत के कुछ बड़े नामों के चाइनीज ब्रांडों से जुड़ने की खबरें आयीं। खिलाड़ी भी चाइनीज हो लिये हैं। क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा टेस्ट क्रिकेट के बहुत बड़े बल्लेबाज हैं। पर उनके बारे में एक सवाल उठा कि वह तो तमाम ब्रांड बेचते हुए नहीं दिखायी देते, आखिर हम उन्हें बड़ा खिलाड़ी क्यों मान लें। बड़प्पन सिर्फ खेल में ही नहीं चाहिए, बड़े रिकार्ड सेल्समैनशिप में भी चाहिए। भारतीय आइटम न मिले बेचने को तो जापान, चीन कहीं के भी बेच लो। अब बिकवाने वाले ही चीन से आ रहे हैं तो खिलाड़ी क्या करें। महानता का रास्ता अब चाइनीज होने के रास्ते से जाता है, दिल से भी दिमाग से भी चाइनीज।
चीन का फर्जीपना तो समझ में आता है, उसका चरित्र है। पर भारतीय भी कतई चाइनीज हुए जा रहे हैं, सिर्फ स्मार्टफोनों के मामले में ही नहीं।
एक चाइनीज फोन से दूसरे चाइनीज फोन पर मैसेज जाता है-राष्ट्रभक्ति सर्वोपरि है, हमें देश बचाना है। चाइनीज फोन पर मैसेज चाइनीज फोन को जा रहा है, पर बचाना उससे भारत देश को है। कितना चाइनीज विचार है न यह, कसम वीवो आईपीएल की।