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नौकरी की दोहरी टीस

ब्लॉग चर्चा

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हमारी सामाजिक और पारिवारिक व्यवस्था में यह एक निर्मम यथार्थ है कि नौकरी करने वाली कामकाजी महिलाओं पर घर व कार्यालय की दोहरी ज़िम्मेदारी होती है। पुरुष प्रधान समाज में घर गृहस्थी के सारे कामों का दायित्व स्त्री पर ही होता है। ज्यादातर घरों में पतिदेव अपनी ज़िम्मेदारी पैसों की व्यवस्था करना या बाज़ार हाट का थोड़ा बहुत काम कर देने तक ही समझते हैं। महिलाओं के कामों में अगर कहीं चूक हो जाती है तो घर में असंतोष और क्लेश का वातावरण बन जाता है। संपन्न घरों में सहायता के लिए नौकर रख लिए जाते हैं, लेकिन ये सुरक्षित नहीं है। कई ऐसी जगहों पर बच्चों की परवरिश पर भी बुरा असर पड़ता है। कभी काम से खीझ कर या कभी बच्चों की जिद या असहयोग से चिढ़ कर नौकर अक्सर बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने लगते हैं। काम के बोझ से त्रस्त माता-पिता भी अपने अपराध बोध की क्षतिपूर्ति के लिए बच्चों की हर जिद पूरी करने का प्रयास करते हैं जिसकी वजह से बच्चे जिद्दी और उद्दंड हो जाते हैं।

कामकाजी स्त्रियों को भी स्कूल या ऑफिस के लिए समय पर ही निकलना होता है, जहां पुरुष को उनके हाथों में चाय नाश्ता, खाना, कपड़े आदि थमाए जाते हैं वहीं स्त्री को ये सारे काम परिवार के बाकी सदस्यों के लिए भी करने पड़ते हैं और अपने खुद के लिए भी। यह समस्या तो विकट है लेकिन इसका समाधान यही है कि पति व परिवार के अन्य सदस्यों को अपनी सोच को थोड़ा बदलना चाहिए और कामकाजी स्त्री का पूरी तरह से सहयोग करना चाहिए।

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हालांकि कुछ परिवारों में सहयोग होता है, लेकिन ज्यादातर में नहीं। अभी तक कई घरों में लोगों की यह मानसिकता बनी हुई है कि जो स्त्री नौकरी कर रही है तो वह शौकिया कर रही है। खुद अनेक स्त्रियां भी ऐसा ही सोचती हैं, इसीलिये न वो डट कर विरोध ही कर पाती हैं और न ही लोगों की सोच बदल पाती हैं। इस समस्या का एक ही समाधान है कि परिवार के लोग स्त्री के साथ सहानुभूति और संवेदना के साथ व्यवहार करें। उसके काम को भी गंभीरता से लें, घर के कामों में उसकी सहायता और सहयोग करें और उसकी समस्याओं का संज्ञान लेते हुए उसके साथ नरमी से पेश आएं। उसके साथ मीठा व्यवहार करें।

स्त्रियां स्वभाव से ही भावुक होती हैं और अगर उनकी उपेक्षा अवहेलना की जाती है तो स्थिति सम्भलने की जगह और बिगड़ जाती है। यहां परिवार के सभी सदस्यों से समझदारी की अपेक्षा की जाती है। परिवार के सभी लोग साथ मिलकर चलेंगे तो घर का माहौल बहुत सकारात्मक होगा।

साभार : सुधीनामा डॉट ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम

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