विलास जोशी
एक रोचक समाचार आया है कि झारखंड के एक क्षेत्र में बहुत से घरों में चोरी की घटनाएं होने के बाद वहां के लोगों ने अपने घर के बाहर बोर्ड लगा दिए हैं कि ‘यहां पहले भी चोरी हो चुकी है, बेकार मेहनत न करें।’
नि:संदेह इस प्रकार के बोर्ड हम सबको प्रेरणा देने वाले हैं। इस समय देश में कोरोना संक्रमण चल रहा है तो जिनके घर में कोई एक भी व्यक्ति संक्रमित हो चुका होगा, वे अपने घर के सामने यह बोर्ड लगा सकते हैं कि ‘इस घर के सभी लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, कृपया कोरोना वायरस इस घर में पुनः प्रयास न करे।’
मेरे एक मित्र हैं, जिनके घर पहले ‘दो बार चोरी’ हो चुकी है। जब वे पहली बार अपने लड़के के यहां अमेरिका गए थे, तब पहली बार उनके यहां चोरी हुई और दूसरी बार तब जब वे सिंगापुर अपनी लड़की के यहां गए थे। जब तीसरी बार चोर उनके घर में चोरी करने घुसा, तब उसे याद आया कि इस घर में तो अपन पहले भी दो बार चोरी कर चुके हैं, तब उसने वहां चोरी करने के बजाय एक चिट्ठी छोड़ दी, उसमें उसने लिखा कि ‘साॅरी, मुझे याद नहीं रहा कि यहां मैं पहले भी दो बार चोरी कर चुका हूं और अब अच्छी तरह से जानता हूं कि आपकी माली हालत भी मेरे जैसी हो गई होगी, इसलिए बिना चोरी किए ही यहां से जा रहा हूं।’ जरा सोचिए कि यह चिट्ठी पढ़कर मेरे मित्र के दिल पर क्या गुजरी होगी!
रांची के इस क्षेत्र में हर एक घर में लगे बोर्ड की खबर पढ़कर मुझे याद आया कि एक गांव में एक चोर आया। वह दिनभर रेकी करता और फिर जिस घर में उसे रात को चोरी करनी होती, उस घर के दरवाजे पर वह ‘एक क्रॉस का चिन्ह’ बना देता था, ताकि रात को उसे चोरी करने में कोई दिक्कत न हो। जब वह गांव के बहुत से घरों में चोरी कर चुका, तब वह दो-तीन दिन के लिए वहां से शहर चला गया ताकि किसी को उस पर शक न हो। जब गांव में दो-एक दिन चोरी की कोई घटना नहीं हुई, तब वहां के सरपंच को एक युक्ति सूझी और उसने गांववालों की सहायता से हर एक घर के सामने ‘क्रॉस का चिन्ह’ लगवा दिया। जब दो-तीन दिन बाद वह चोर पुनः गांव में लौटा और फिर रात को चोरी करने के लिए निकला तो उसने देखा कि हर एक घर के सामने ‘क्रॉस का चिन्ह’ लगा हुआ है, तब वह हड़बड़ा गया और सोच में पड़ गया कि क्या मैं इस गांव के हर एक घर में चोरी कर चुका हूं जो मुझे हर एक घर के सामने ‘क्रॉस का चिन्ह’ लगा दिख रहा है? उस गांव का सरपंच बहुत होशियार था, वह जानता था कि हो न हो, देर-सवेर वह चोर एक बार पुनः गांव में आएगा अवश्य, सो उसने गांव मंे कुछ टोलियां बना दीं जो रात में जगह-जगह छुपकर बैठेंगी और चोर पर नजर रखेंगी। फिर क्या था, एक टोली ने उस चोर को दबोच लिया और फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
रांची का यह बोर्ड वाला फंडा चल निकला तो संभव है कि लोग इस प्रकार के बोर्ड अपने बंगलों और मकानों के सामने लगा दें मसलन—‘यहां आयकर का छापा पड़ चुका है’ (यानी आयकर वाले अब किसी दूसरे का बंगला ट्राय करें)।
‘हमारे घर के सभी सदस्यों को कोविड टीकाकरण हो चुका है।’