बढ़ती हुई उम्र का कोई कुछ नहीं कर सकता है, कोई उसे रोक नहीं सकता। यही बात अब एक्यूआई के बारे में कही जा सकती है। उसे रोका नहीं जा सकता, कम नहीं किया जा सकता।
एक्यूआई से पता लगता है कि पॉल्य़ूशन कितना है। अब इसकी रिपोर्ट रोज अखबारों में होती है।
दिल्ली का एक्यूआई अब टी-20 मैच बन चुका है, रोज़ नया हाई-स्कोर, नया ड्रामा!
उम्र के बारे में कहा जाता है कि वह सिर्फ नंबर है, क्योंकि लोग सत्तर अस्सी की आयु में भी कुछ नया करके दिखा रहे हैं। एक्यूआई दिल्ली का बहुत ऊपर जा चुका है, कोई कुछ भी नहीं कर पा रहा है। इसलिए इसे इसके हाल पर छोड़ देना चाहिए। सिर्फ नंबर है, इसका कुछ नहीं किया जा सकता है, न उम्र का, न एक्यूआई का। बढ़ती हुई उम्र का कोई कुछ नहीं कर सकता है, कोई उसे रोक नहीं सकता। यही बात अब एक्यूआई के बारे में कही जा सकती है। उसे रोका नहीं जा सकता, कम नहीं किया जा सकता।
दिल्ली का एक्यूआई 500 हो जाता है। गुजरात वाले कहते हैं कि हमारा तो 80 है भाई, तुम तो रोज़ सेंचुरी ठोक रहे हो। विराट कोहली का रिश्ता रहा है दिल्ली से, तो सेंचुरी तो यहां का एक्यूआई भी ठोकेंगा ही।
एक्यूआई 800 पार होते ही केजरीवाल : ‘अब सांसें भी ऑड-ईवन से लेंगे।’
मनोज तिवारी : ‘ये प्रदूषण नहीं, कांग्रेस के 70 साल की कालिख है!’
राहुल गांधी : ‘सूट-बूट की सरकार आई तो ऑक्सीजन भी प्रीमियम हो गई।’
एक्यूआई और कोहली का फॉर्म – दोनों का एक ही सवाल : ‘कब सुधरेगा?’
धोनी को बुलाया गया है, हेलिकॉप्टर शॉट से स्मॉग को छक्का मारेंगे।
केजरीवाल का नया वादा : ‘मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, अब मुफ्त ऑक्सीजन – बस 2025 तक इंतज़ार करो।’
दिल्ली का बच्चा निबंध लिख रहा : ‘मेरा प्रिय खेल – खांस-खांस क्रिकेट।’
क्रिकबज ने नोटिफिकेशन भेजा : ‘दिल्ली कैपिटल्स ने फिर रिकॉर्ड तोड़ा – सबसे गंदी हवा!’
दिल्ली वाले : ‘सांस लेते ही पटाखे फूट रहे हैं साहब।’
मोदी जी मन की बात में : ‘योग करो।’
जनता : ‘योगा मैट पर भी कोहरा छा गया सर।’
कमेंट्री : ‘और यह गेंद... स्मॉग में गायब! ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली वालों को सूरज।’
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो रोकी : ‘पहले सांस जोड़ो यात्रा कर लो।’
मैच देखते हुए कोई बोला : ‘स्कोर क्या है?’
अंपायर ने एलबीडब्ल्यू दिया, बल्लेबाज : ‘गेंद दिखी ही नहीं सर, स्मॉग में वाइड लग रही थी।’
दिल्ली पुलिस चालान : ‘मास्क नहीं, 2000 जुर्माना।’
जनता : ‘हम एन-95 पहने हैं, तुम्हें स्मॉग में दिख नहीं रहा।’
अंत में केजरीवाल, मोदी, राहुल तीनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की : ‘दोषी कौन?’
तीनों ने एक साथ उंगली उठाई : ‘पड़ोसी राज्य!’
मैच ड्रॉ रहा।
क्या क्या देखना पड़ेगा। हंसते हंसते ही स्माग झेलना चाहिए, रोने से स्माग कम नहीं होता।

