Zirakpur News: गोविंद विहार एसोसिएशन 15 अगस्त पर मेधावी बच्चों को करेगी सम्मानित
जीरकपुर, 17 मई (ट्रिन्यू)
Zirakpur News: कहते हैं कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती और इस बात को सच कर दिखाया है गोविंद विहार सोसायटी के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने। इस साल की बोर्ड परीक्षाओं में यहां के आठ विद्यार्थियों ने 90% से अधिक अंक प्राप्त कर न सिर्फ अपने माता-पिता, बल्कि पूरी सोसाइटी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
बच्चों की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को यादगार बनाने के लिए और बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर, गोविंद विहार रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा एक विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें इन सभी होनहारों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। 15 अगस्त को आयोजित यह समारोह केवल सम्मान नहीं, बल्कि उस विश्वास का उत्सव होगा कि जब एक कॉलोनी साथ खड़ी होती है, तो उसके बच्चे आकाश छू सकते हैं।
इन विद्यार्थियों को मिलेगा सम्मान
मानव सिंगला, कक्षा 12 वीं- 97.6%, खुशी पुत्री ज्योति, कक्षा 12वीं-95.4%, खुशी पुत्री वीरेंद्र सिंह और सीमा कुंडू, कक्षा 12 वीं - 94.6 अंक प्राप्त किए। श्रेया अग्रवाल (ICSE बोर्ड), कक्षा 10वीं-96.4%, श्रुति नंदा, कक्षा 10वीं - 92%, सौम्या गर्ग, कक्षा 10वीं - 90.8%, हेमांग भूषण (ICSE बोर्ड), कक्षा 10वीं - 90.6%, दिवांश गुप्ता, कक्षा 10वीं – 96.9% अंक प्राप्त किए।
बच्चों की मेहनत को सराहा
सोसाइटी के प्रधान प्रवीण मित्तल ने कहा कि इन बच्चों ने हमारी कॉलोनी को गौरवान्वित किया है। यह सिर्फ अंकों की बात नहीं है, यह बात है मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की। हमारे गोविंद विहार के ये होनहार बच्चे हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं।
मानव सिंगला के पिता सरवन सिंगला ने उसकी सफलता का श्रेय उसकी माता गीता सिंगला को दिया। उनका कहना है कि उनका बेटा स्कूल में पढ़ाई के बाद कोचिंग लेता है। घर पर उनकी पढ़ाई का ध्यान उनकी माता गीता सिंगला रखती हैं।
हेमांग भूषण एवं खुशी की माता ज्योति ने अपने दोनों बच्चों के सुखद परिणामों का श्रेय खुद उनकी मेहनत को दिया। उन्होने कहा कि दोनों बच्चे स्वेच्छा अधिकतर समय अपनी पढ़ाई को देते हैं ताकि वो अपनी माता जी का एवं खुद का नाम रोशन कर सकें।
गोविंद विहार एसोसिएशन की वरिष्ठ पदाधिकारी सीमा कुंडू ने अपनी बेटी खुशी की सफलता का श्रेय उसकी खुद की पढ़ाई के लिए रुचि और खुद मेहनत करने की आदत को दिया। उनका कहना है कि खुशी खुद ही बहुत मन लगाकर मेहनत करती है जिस कारण उसके 12 वीं कक्षा में बहुत अच्छे अंक आए हैं।
श्रेया अग्रवाल के पिता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि उनकी बेटी का लक्ष्य किसी भी आईआईटी में एडमिशन लेना है जिसके लिए वह अभी से पूरी मेहनत करती है। एक अच्छे माता -पिता की तरह वह अपनी बेटी को सभी सुविधाएं प्रदान करते हैं ताकि उसको अपने लक्ष्य में कोई भी व्यवधान न आए।
सौम्या गर्ग के पिता सुशील कुमार गर्ग और माता ज्योति गर्ग उसकी सफलता का श्रेय पूरी तरह से सौम्या की स्वाध्याय को देते हैं। उनका कहना है कि स्कूल में पढ़ाई के बाद सौम्या विषयवार ट्यूशन करती है और घर आकर रात में एकांत वातावरण में 4-5 घंटे अपनी पढ़ाई में लगाती है। श्रुति नंदा की माता स्नेहा नन्दा एवं पिता संजीव नन्दा ने अच्छे परिणामों का श्रेय श्रुति की खुद की मेहनत को दिया। दिव्यांश गुप्ता के पिता नितिन गुप्ता ने इस सफलता के लिए अपने बेटे की मेहनत को श्रेय दिया।