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पीजीआई में वर्ल्ड स्ट्रोक डे : इलाज के संदेश को कार्यक्रमों के जरिये लोगों तक पहुंचाया

पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग ने नवंबर 2025 को स्ट्रोक अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया। पूरे महीने स्ट्रोक की शुरुआती पहचान, रोकथाम और समय पर इलाज के संदेश को रचनात्मक गतिविधियों और सामुदायिक कार्यक्रमों के जरिये लोगों तक पहुंचाया गया।...
पीजीआई चंडीगढ़ की स्ट्रोक यूनिट के प्रभारी डॉ. धीरज खुराना वर्ल्ड स्ट्रोक डे जागरूकता कार्यक्रम के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए। -ट्रिब्यून फोटो
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पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग ने नवंबर 2025 को स्ट्रोक अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया। पूरे महीने स्ट्रोक की शुरुआती पहचान, रोकथाम और समय पर इलाज के संदेश को रचनात्मक गतिविधियों और सामुदायिक कार्यक्रमों के जरिये लोगों तक पहुंचाया गया।

इस अभियान में नाइन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम की शुरुआत चार नवंबर को पोस्टर, स्लोगन और रील मेकिंग प्रतियोगिताओं से हुई। 11 नवंबर को क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। 11 और 12 नवंबर को डड्डू माजरा कॉलोनी, धनास के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तथा कई विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम हुए। प्रो. धीरेज खुराना और डॉ. मंजु दंडापानी ने स्ट्रोक की समय पर पहचान और रोकथाम को जीवन रक्षक बताया। नाइन के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर सरल भाषा में संदेश दिया। इस वर्ष वर्चुअल स्कूल हेल्थ प्रोग्राम के माध्यम से चंडीगढ़ के करीब दस विद्यालय जुड़े। कार्यक्रम में डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन एचपीएस ब्रार, इंडियन स्ट्रोक एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ पी. विजय और वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष प्रो. जेयराज डी पांडियन शामिल हुए।

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13 नवंबर को नाइन ऑडिटोरियम में कंटिन्यूइंग नर्सिंग एजुकेशन प्रोग्राम हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि प्रो. आरके राठो और अतिथि विशेष प्रो. राजेश छाबड़ा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉक्टर, नर्सें और विद्यार्थी शामिल हुए। संगोष्ठी और पैनल चर्चा में डॉ. सुखपाल कौर, प्रो. जेएस ठाकुर, डॉ. निधि शर्मा और प्रो. एसएस दंडापानी ने स्ट्रोक पर विशेषज्ञ विचार साझा किए।

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