पोस्टमॉर्टम में इतनी जल्दबाजी क्यों... दिवंगत IPS वाई. पूरन कुमार की IAS पत्नी ने चंडीगढ़ पुलिस पर उठाए गंभीर सवाल
IPS suicide case: अमनीत पी. कुमार ने कहा- पुलिस ने पति के शव के साथ कोई गरिमा नहीं दिखाई
IPS suicide case: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने अपने पति के शव के साथ किए गए “चंडीगढ़ पुलिस के जल्दबाजी भरे व्यवहार” पर गहरा आक्रोश जताया है। द ट्रिब्यून से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके पति के शव के साथ कोई गरिमा नहीं दिखाई।
अमनीत ने कहा, “चंडीगढ़ पुलिस ने मेरे दिवंगत पति, जो दलित समुदाय से थे, के प्रति कोई गरिमा नहीं दिखाई। मैंने पोस्टमॉर्टम के लिए सहमति दी थी, लेकिन साफ कहा था कि बच्चे अपने पिता को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, उसके बाद ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया जाए, लेकिन पुलिस ने परिजनों की अनुपस्थिति में ही शव को अस्पताल से उठा लिया और औपचारिकताओं के लिए ले गई, जो बेहद असंवेदनशील है।”
उन्होंने कहा “मैं एक दलित विधवा हूं, और मेरे पति के शव के साथ गरिमा से व्यवहार करने का अधिकार मुझसे छीना जा रहा है। अब जिम्मेदारी चंडीगढ़ पुलिस की है। अगर परिवार की सहमति इतनी महत्वहीन है, तो वे शव के साथ जो चाहें कर सकते हैं। मैंने अब तक चुप रहकर गरिमा बनाए रखी, लेकिन अब मामला हाथ से निकल रहा है। इतनी जल्दबाजी क्यों? चंडीगढ़ पुलिस को अपने व्यवहार की सफाई देनी चाहिए।”
अमनीत ने यह भी आरोप लगाया कि शव को सेक्टर-16 अस्पताल से पीजीआई ले जाने के दौरान महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर किसी भी तरह की चूक हुई है, तो उसकी जिम्मेदारी चंडीगढ़ पुलिस की होगी।” वहीं, इस पूरे मामले पर चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा ने स्वीकार किया कि संचार में गलती हुई है।
उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि एक communication gap हुआ। परिवार की सहमति के बिना पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। एसएसपी शव के साथ हैं और परिवार की अनुमति मिलने के बाद ही प्रक्रिया शुरू होगी।” परिवार ने घटनाक्रम को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। शव को पीजीआई ले जाया जा चुका है, लेकिन पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है।