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आखिर मनीमाजरा की जमीन को बेचने की इतनी जल्दी क्यों : लक्की

कांग्रेस, अाप के प्रतिनिधिमंडल ने की एमसी कमिश्नर से मुलाकात
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कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के विपक्षी नेताओं का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल, जिसकी अगुवाई चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एच.एस. लक्की और आप चंडीगढ़ के अध्यक्ष विजय पाल सिंह ने की शुक्रवार को नगर निगम चंडीगढ़ के कमिश्नर अमित कुमार से मिला और उनके कार्यालय में एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में दोनों पार्टियों के पार्षद और वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। दोनों दलों के नेताओं ने ज्ञापन में 352वीं नगर निगम चंडीगढ़ की बैठक के संचालन के तरीके पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बैठक में पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक मानकों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन हुआ। विपक्ष के अनुसार, महत्वपूर्ण एजेंडों को अवैध तरीके से पारित कर दिया गया, जब विपक्षी पार्षदों को जबरन सदन से बाहर निकाल दिया गया था। लक्की ने कहा कि कांग्रेस और आप दोनों चंडीगढ़ के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, लेकिन उनका यह भी मानना है कि नगर निगम की संपत्तियां-विशेषकर वी-3 सड़कों को केवल शर्तों के आधार पर ही चंडीगढ़ प्रशासन को सौंपा जाना चाहिए था। विपक्ष की मांग स्पष्ट थी कि इन सड़कों को केवल अस्थायी तौर पर रिकारपेटिंग के लिए सौंपा जाए और काम पूरा होते ही इन्हें नगर निगम को वापस लौटा दिया जाए लेकिन भाजपा-शासित नगर निगम ने इस वाजिब और तर्कसंगत मांग को नजरअंदाज कर दिया। जब आप पार्षदों ने इस मुद्दे पर मतदान की मांग की तो उन्हें जबरन सदन से बाहर निकाल दिया गया, जिस पर कांग्रेस ओर आप पार्षदों ने कड़ा विरोध जताया और एकजुटता में वॉकआउट किया। विपक्षी पार्षदों की अनुपस्थिति में भाजपा ने बहुमत न केवल वी-3 सड़कों के हस्तांतरण को मंजूरी दी, बल्कि मनीमाजरा की कीमती नगर निगम की भूमि की बिक्री से जुड़ा अत्यंत विवादास्पद एजेंडा भी जल्दबाजी में पारित कर दिया। लक्की ने भाजपा की इस हड़बड़ी पर सवाल उठाया, ‘आखिर इस जमीन को बेचने की इतनी जल्दी क्यों है? इस जल्दबाजी के पीछे क्या कारण है? उन्होंने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि यह एजेंडा बिना किसी सार्थक चर्चा और पारदर्शिता के विपरीत कर दिया गया। एक तरफ हम प्रशासन से ये मांग कर रहे है कि आरएलए, प्राइमरी हेल्थ, प्राइमरी एजुकेशन नगर निगम को दी जाए ओर दूसरी तरफ हम अपनी सड़कों को प्रशासन को दे रहे हैं जो खुद में ही विरोधाभास है। उन्होंने कहा कि भाजपा को जहां दिल्ली फोर्थ फाइनेंस कमीशन के रेवेन्यू शेयरिंग फार्मूले से नगर निगम के हिस्से के अठारह सौ करोड़ केन्द्र सरकार से लाने चाहिए और रुके हुए विकास कार्य करवाने चाहिए ताकि जमीन की नीलामी की जरूरत ही न पड़े। दोनों दलों ने संयुक्त रूप से नगर निगम की हाउस मीटिंग को तत्काल पुन: बुलाने की मांग की। विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया, ‘भाजपा को आखिर इतनी जल्दबाजी ओर गोपनीयता में काम करने की मजबूरी क्यों है? अगर भाजपा इसमें कोई अनुचित लाभ नहीं देना चाहती ओर चाहती है कि नीलामी से जायदा से जायदा पैसा आए तो फिर विपक्ष की मांग से दोबारा बैठक कराने में क्या दिक्कत है। बैठक में वरिष्ठ उपमहापौर जसबीर सिंह बंटी, उपमहापौर तरुणा मेहता, पार्षद प्रेमलता, दर्शना रानी, जसविंदर कौर, सचिन गालव, रामचंदर यादव, योगेश ढींगरा, साथ ही पार्टी नेता यादविंदर मेहता, सनी औलख, विक्रांत तनवर और अन्य शामिल थे।

मामला संदिग्ध, कई गंभीर सवाल : विजय पाल

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आप अध्यक्ष विजय पाल सिंह ने भी इन्हीं आशंकाओं को दोहराते हुए आरोप लगाया कि मनीमाजरा भूमि से जुड़ा पूरा मामला संदिग्धताओं से भरा हुआ है और इसमें कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा, “कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ ज़रूर है और इसे ठीक करने की ज़रूरत है। विपक्षी पार्षद जो सवाल उठा रहे हैं, वे पूरी तरह जायज़ हैं और उनकी उचित जांच-पड़ताल होनी चाहिए। 7.7 एकड़ जमीन ही क्यों बेची जा रही है पूरी 19 एकड़ क्यों नहीं! इस से नगर निगम को रेवेन्यू बढ़कर मिलेगा।

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