शिकायतों के बावजूद सुविधाएं उपलब्ध कराने में नाकामी क्यों
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को सेक्टर 26 स्थित सब्जी एवं फल मंडी के बदतर हालात पर चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई। चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने प्रशासन को यह स्पष्ट करने को कहा कि लंबे समय से गंदगी, भीड़भाड़ और खराब पहुंच की शिकायतें मिल रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन मंडी में अस्थायी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने में विफल क्यों रहा है।
चीफ जस्टिस ने स्पष्ट रूप से पूछा कि क्या आपने वहां फैली गंदगी देखी है? आप उस बाजार में कदम भी नहीं रख सकते। हाईकोर्ट में प्रशासन के वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अप्रैल में नई जगह पर दुकानों की ई-नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इस पर कोर्ट ने जोर देकर कहा कि स्थगन आदेश प्रशासन को स्वच्छता और सुलभता बनाए रखने के अपने कर्तव्य से मुक्त नहीं करता। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस पर भले ही रोक लगा दी गई हो, लेकिन यह आपको आम जनता के लिए कुछ अस्थायी व्यवस्था करने से नहीं रोकता।
केंद्र शासित प्रदेश की ओर से पेश हुए अतिरिक्त स्थायी वकील ने दलील दी कि मार्केटिंग कमेटी द्वारा नियुक्त एक तृतीय पक्ष ठेकेदार सेक्टर 26 में सफाई और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था। हालांकि, कोर्ट इन दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ और सब्जी मंडी में हुए किसी भी सुधार की तस्वीरें दिखाने की मांग की। पीठ ने प्रशासन को निर्देश दिया कि वह शुक्रवार को जमीनी स्तर पर किसी भी सुधार को दर्शाने के लिए तस्वीरें और रिकार्ड पेश करे।