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बाथरोब पहने, ‘मेहमान’ और ‘मुर्गी’ ने सड़क पर उतरकर किया प्रदर्शन

मर्सी फॉर एनिमल्स इंडिया फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने बाथरोब पहनकर चंडीगढ़ में जेडब्ल्यू मैरियट होटल के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने मैरियट इंटरनेशनल द्वारा 2025 के अंत तक 100 फीसदी पिंजरे-मुक्त अंडे प्राप्त करने की अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता का पालन...
चंडीगढ़ में जेडब्ल्यू मैरियट होटल के सामने बुधवार को मर्सी फॉर एनिमल्स इंडिया फाउंडेशन के कार्यकर्ता बाथरोब पहनकर प्रदर्शन करते हुए। -हप्र
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मर्सी फॉर एनिमल्स इंडिया फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने बाथरोब पहनकर चंडीगढ़ में जेडब्ल्यू मैरियट होटल के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने मैरियट इंटरनेशनल द्वारा 2025 के अंत तक 100 फीसदी पिंजरे-मुक्त अंडे प्राप्त करने की अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता का पालन न करने के विरोध में प्रदर्शन किया। भारत में मैरियट ने अभी तक इस क्षेत्र के लिए अपनी प्रगति का खुलासा भी नहीं किया है।

प्रदर्शनकारी स्नानवस्त्र पहने हुए, मुर्गी की पोशाक पहने एक स्वयंसेवक के साथ खड़े थे, जिनके हाथों में खून से सने अंडे के डिब्बे थे और उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर क्रमश: लिखा था, ‘मैरियट, अपना वादा निभाओ : पिंजरे से मुक्त हो जाओ’ और ‘मैरियट अपने पिंजरे-मुक्त प्रतिबद्धता पर विफल हो रहा है।’इस विरोध प्रदर्शन में भारत में बैटरी पिंजरों में बंद लगभग 40 करोड़ मुर्गियों की पीड़ा को उजागर किया गया, क्योंकि मैरियट जैसे अंतरराष्ट्रीय होटल दिग्गजों ने 100 फीसदी पिंजरा-मुक्त प्रतिबद्धताओं को तोड़ दिया है।

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मर्सी फ़ॉर एनिमल्स इंडिया फ़ाउंडेशन के आयोजन समन्वयक कुशल ने कहा, ‘मैरियट के पास अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए 17 साल थे, लेकिन उसने कोई संतोषजनक प्रगति नहीं की।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अपने विशाल संसाधनों और वैश्विक पहुंच के बावजूद, कंपनी क्रूर, पुराने बैटरी केज सिस्टम से अंडे प्राप्त करना जारी रखे हुए है, जिससे अरबों मुर्गियां बैटरी केज में अत्यधिक कारावास और कष्ट झेलने को मजबूर हैं।’

दिसंबर 2018 में, मैरियट ने 2025 के अंत तक 142 देशों में अपनी लगभग 9,100 संपत्तियों में 100 फीसदी पिंजरा-मुक्त अंडा आपूर्ति शृंखला में परिवर्तन करने की प्रतिबद्धता जताई थी। हालांकि, जैसे-जैसे 2025 की समय सीमा करीब आ रही है, मैरियट भारत में अपने पिंजरा-मुक्त अंडा प्रतिबद्धता पर कोई प्रगति की रिपोर्ट करने में विफल रहा है; न ही इसके पास इस क्षेत्र के लिए कोई रोडमैप है।

मैरियट का लक्ष्य भारत को अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार बनाना है, और इस क्षेत्र में विस्तार की व्यापक योजनाएँ पहले से ही चल रही हैं। हालाँकि, अनुपालन में चूक का यह गंभीर पहलू मैरियट को कॉर्पोरेट ज़िम्मेदारी के मामले में बेहद कमज़ोर दिखाता है। इसके 158 चालू होटलों और 112 निर्माणाधीन होटलों में कोई ख़ास प्रगति न होने के कारण, इस क्षेत्र में मैरियट के लिए समय कम होता जा रहा है।

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