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मोहाली–कुराली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 15 दिसंबर से फर्राटा भरेंगे वाहन

एंट्री–एग्जिट विवाद सुलझा : एनएचएआई और किसानों में बनी सहमति

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मोहाली–कुराली एक्सप्रेसवे पर धरना स्थल पर किसानों को लिखित आश्वासन देते एनएचएआई अधिकारी। -विक्की
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बारह दिन से ठप पड़ा मोहाली–कुराली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे अब खुलने की राह पर है। एनएचएआई से लिखित आश्वासन मिलने के बाद किसानों और ग्रामीणों ने बुधवार को टोल प्लाजा के पास चल रहा धरना खत्म कर दिया। इसके साथ ही परियोजना का फिनिशिंग वर्क दोबारा शुरू हो गया और एक्सप्रेसवे के 15 दिसंबर से खुलने की पुष्टि हो गई।

ग्रामीणों और किसान यूनियनों ने चौबीस नवंबर को बजहेड़ी गांव के पास चेनज 19+300 पर एंट्री–एग्जिट की मांग को लेकर धरना शुरू किया था। यह स्थान टोल प्लाजा के बिल्कुल पास है। विरोध के चलते एक्सप्रेसवे का निर्धारित उद्घाटन रुक गया था। संयुक्त निरीक्षण में एनएचएआई, ठेकेदार, अथॉरिटी इंजीनियर, गांवों के प्रतिनिधियों और यूनियनों ने स्थल का आकलन किया। एनएचएआई ने स्पष्ट किया कि एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे पर इस स्थान पर नयी एंट्री–एग्जिट देना सुरक्षा मानकों के विपरीत है, जिससे हाई-स्पीड ट्रैफिक और टोल संचालन पर खतरा पैदा हो सकता है।

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समाधान कैसे निकला

ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि पास की सेवा सड़क को एक्सप्रेसवे की मौजूदा एंट्री–एग्जिट (किलोमीटर 17+100) से जोड़ा जाए। एनएचएआई ने इस विकल्प की समीक्षा करने पर सहमति जताई है और प्रस्ताव को सक्षम प्राधिकारी को भेजने का निर्णय लिया है। अनुमति मिलते ही आठ से बारह सप्ताह के भीतर कार्य शुरू किया जाएगा। यही लिखित आश्वासन मिलने के बाद धरना समाप्त किया गया।

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बीकेयू लखोवाल के प्रेस सचिव रणबीर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि ग्रामीण ‘अपनी वाजिब मांग पूरी होने’ से संतुष्ट हैं, इसलिए अब एक्सप्रेसवे खोलने में कोई बाधा नहीं है।

काम ने पकड़ी रफ्तार

धरना खत्म होते ही एनएचएआई और ठेकेदार ने फिनिशिंग वर्क तेज कर दिया। बीबीएमबी हाई-टेंशन लाइनों का शिफ्टिंग पहले ही पूरा कर चुका है, जो परियोजना का अंतिम बड़ा तकनीकी अवरोध था। एनएचएआई ने 15 दिसंबर को उद्घाटन की नई तिथि तय कर दी है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह एक्सप्रेसवे

  • 31.23 किलोमीटर लंबा यह हिस्सा चंडीगढ़–अम्बाला छह लेन कॉरिडोर का पैकेज-2 है। यह आईटी सिटी चौंक से कुराली को कुराली–सिसवां रोड के माध्यम से जोड़ता है।
  • यह सड़क मोहाली, खरड़ और कुराली की भीड़ कम करेगी और दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल और जम्मू–कश्मीर के बीच यात्रा को सुगम बनाएगी।
  • कॉरिडोर का पैकेज-1 (अम्बाला–हिसार रोड से आईटी सिटी तक) तीस किलोमीटर लंबा है, जो पचहत्तर प्रतिशत पूरा है और मई 2026 तक खोले जाने की योजना है। दोनों पैकेज मिलकर उभरते ट्राइसिटी रिंगरोड नेटवर्क को आकार देंगे।
  • परियोजना रिपोर्ट (एनएचएआई आंकड़े)

    पैकेज-1
    30 किलोमीटर | रुपये 1641.66 करोड़ | छह लेन | 75% पूरा | 180 हेक्टेयर

    पैकेज-2
    31.23 किलोमीटर | रुपये 1525.3 करोड़ | छह लेन | 100% पूरा | 215 हेक्टेयर

    कुल
    61.23 किलोमीटर | रुपये 3166.96 करोड़ | छह लेन | 88% पूरा | 395 हेक्टेयर

    आज के समाधान का महत्व

    बारह दिन का धरना समाप्त
    फिनिशिंग वर्क दोबारा शुरू
    हाई-टेंशन लाइनें शिफ्ट हुईं
    पन्द्रह दिसंबर को सड़क खुलेगी
    ट्राइसिटी रिंगरोड योजना को गति मिली

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