वीबी इंटरनेशनल स्कूल जीरकपुर का 21वां वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह शानदार अंदाज में संपन्न
वीबी इंटरनेशनल स्कूल जीरकपुर का 21वां वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह बड़ी धूमधाम से चंडीगढ़ के सेक्टर 18 स्थित टैगोर थियेटर में आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता स्कूल के प्रिंसिपल असीम मैनरॉय ने की, जबकि इस वर्ष का थीम था...
वीबी इंटरनेशनल स्कूल जीरकपुर का 21वां वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह बड़ी धूमधाम से चंडीगढ़ के सेक्टर 18 स्थित टैगोर थियेटर में आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता स्कूल के प्रिंसिपल असीम मैनरॉय ने की, जबकि इस वर्ष का थीम था ‘नवरस’ जीवन की नौ भावनाएँ, जिनमें प्यार, हंसी, प्रोत्साहन, अद्भुत, शांति, गुस्सा, डर, करुणा और घृणा शामिल हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि आईएएस डॉ. नीरू कत्याल गुप्ता, स्कूल फाउंडर सुषमा मैनरॉय, और डायरेक्टर कुलभूषण कुमार मैनरॉय द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस अवसर पर प्रिंसिपल असीम मैनरॉय ने स्कूल की अकादमिक उपलब्धियों, खेलकूद गतिविधियों और पूरे वर्ष के ओवरऑल प्रदर्शन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने आगामी वर्ष के नए प्रोजेक्ट्स और योजनाओं की भी जानकारी दी।
विद्यार्थियों का मनमोहक सांस्कृतिक प्रदर्शन
समारोह का मुख्य आकर्षण विद्यार्थियों द्वारा पेश किए गए डांस, ड्रामा और म्यूजिक से सजे रंगारंग कार्यक्रम रहे। नवरस थीम पर आधारित प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। विशेष रूप से देश के सैनिकों की कुर्बानी और देशभक्ति पर आधारित प्रस्तुति ने हॉल में मौजूद सभी लोगों को भावुक कर दिया। नवरस के नौ भावों—प्यार, हंसी, प्रोत्साहन, अद्भुत, शांति, गुस्सा, डर, करुणा और घृणा—को छात्रों ने बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरीं।
मुख्य अतिथि ने की सराहना
अपने संबोधन में डॉ. नीरू कत्याल गुप्ता ने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की सराहना की और कहा कि “विद्यार्थियों को अकादमिक के साथ-साथ सांस्कृतिक व सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए, इससे उनका संपूर्ण व्यक्तित्व विकसित होता है।”
मेधावी छात्रों को किया सम्मानित
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि डॉ. नीरू कत्याल गुप्ता, फाउंडर सुषमा मैनरॉय, डायरेक्टर कुलभूषण मैनरॉय और प्रिंसिपल असीम मैनरॉय ने मेधावी विद्यार्थियों और सभी प्रतिभागियों को ट्रॉफियां देकर सम्मानित किया। साथ ही विद्यार्थियों को मानवता से जुड़े रहने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया।

