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Uttarakhand Ramlila: उत्तराखंड रामलीला कमेटी की रामलीला में 'केवट लीला' का शानदार मंचन

चंडीगढ़, 6 अक्तूबर (ट्रिन्यू) Uttarakhand Ramlila: उत्तराखंड रामलीला कमेटी मौली कॉम्प्लेक्स में 'केवट लीला' का मनमोहक मंचन हुआ, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह लीला भगवान श्रीराम के वनवास के समय की प्रसिद्ध कथा पर आधारित थी, जिसमें श्रीराम,...
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चंडीगढ़, 6 अक्तूबर (ट्रिन्यू)

Uttarakhand Ramlila: उत्तराखंड रामलीला कमेटी मौली कॉम्प्लेक्स में 'केवट लीला' का मनमोहक मंचन हुआ, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह लीला भगवान श्रीराम के वनवास के समय की प्रसिद्ध कथा पर आधारित थी, जिसमें श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ गंगा पार करने के लिए केवट से सहायता मांगते हैं।

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लीला के दौरान भगवान श्रीराम ने निषादराज केवट से गंगा पार कराने का अनुरोध किया। इस पर केवट ने हंसी-मजाक के अंदाज में कहा कि वह पहले उनके चरण धोएंगे, क्योंकि उन्हें भय है कि भगवान के चरणों की धूल से उनकी नाव भी स्त्रियों में बदल जाएगी, जैसा कि एक पत्थर की शिला अहिल्या बन गई थी। इस बात पर भगवान राम ने मुस्कुराते हुए उनकी प्रार्थना स्वीकार की और केवट ने उनके चरण धोए।

नदी पार करने के बाद माता सीता ने भगवान राम को अपनी अंगूठी दी, जिसे भगवान ने केवट को उपहार स्वरूप देना चाहा, लेकिन केवट ने विनम्रता से उत्तराई लेने से मना कर दिया। केवट ने कहा, "प्रभु, एक ही पेशे के लोग एक-दूसरे से सेवा का मूल्य नहीं लेते। जैसे धोबी अपने साथी धोबी से पैसे नहीं लेता, वैसे ही मैं आपसे कुछ नहीं लूंगा।" केवट की यह भावनात्मक और आस्थापूर्ण संवाद ने दर्शकों के हृदय को छू लिया।

इस अद्भुत लीला में भगवान राम की भूमिका नितेष धौलाखंडी ने निभाई, लक्ष्मण की सागर धौलाखंडी, माता सीता की दक्ष पंवार और केवट की भूमिका निर्देशक हरीश डंडरियाल ने बखूबी निभाई। कमेटी के महासचिव दयानंद बड़थ्वाल ने बताया कि इस लीला को देखकर दर्शक भावविभोर हो गए और उनकी प्रतिक्रिया अत्यंत उत्साहजनक रही।

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