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मोहाली निगम मीटिंग में सफाई व्यवस्था पर हंगामा

कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमैट्रिक प्रणाली सहित कई प्रस्ताव पारित
 मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू नगर निगम की मीटिंग में बोलते हुए।
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मोहाली नगर निगम की आज हुई बैठक में शहर की सफाई व्यवस्था और कूड़ा प्रबंधन का मुद्दा मुख्य रूप से छाया रहा। कई पार्षदों ने अपने क्षेत्रों में गंदगी, आरएमसी प्वाइंट्स और स्वच्छता सर्वेक्षण में मोहाली की खराब रैंकिंग पर नाराजगी ज़ाहिर की। फेज 10 और 11 के पार्षद हरजीत सिंह भोलू, कुलवंत सिंह क्लेर और नरपींदर सिंह रंगी ने फेज 11 में रेलवे लाइन के पास बने आरएमसी प्वाइंट को बंद करने की मांग को लेकर नारेबाज़ी की। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में लोग साफ हवा से वंचित हो रहे हैं। फेज 5 और सेक्टर 71 में कूड़ा फेंके जाने की समस्याओं को भी उठाया गया। पार्षद मनजीत सेठी ने मोहाली की गिरती रैंकिंग को लेकर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और शहर को 'डंपिंग ग्राउंड' कहकर आलोचना की। कमिश्नर परमिंदर पाल सिंह ने डंपिंग ग्राउंड बंद होने से आई दिक्कतें स्वीकार करते हुए कहा कि समाधान जल्द निकाला जाएगा।

मेयर की चेतावनी

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मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू ने चेतावनी दी कि अगर 30 सितंबर तक कूड़ा प्रबंधन का हल नहीं निकला, तो वे स्वयं पार्षदों के साथ मिलकर आरएमसी प्वाइंट पर ताला जड़ देंगे।

सीएसआर के तहत पार्क सौंपने पर बहस

पार्षदों ने निजी कंपनियों को पार्कों की देखरेख देने के प्रस्ताव पर निगरानी की कमी का हवाला देते हुए सवाल उठाए। पांच पार्कों पर पायलट प्रोजेक्ट की सिफारिश सर्वसम्मति से पास हुई। कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमैट्रिक प्रणाली सहित कई प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। फेज 1 की गौशाला से बदबू और संक्रमण की शिकायत की गई। पार्षद बलजीत कौर ने वॉर्ड में काम रुकवाने के पीछे राजनीतिक दबाव का आरोप लगाया। बारिश के पानी की निकासी के लिए 200 करोड़ रुपये के फंड की मांग की गई।

 

 

 

 

 

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