सत्थ के उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने पर हंगामा, नहीं जारी हो पायी लिस्ट
पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट्स कौंसिल (पीयूसीएससी) चुनाव में वामपंथी विचारधारा वाले छात्र संगठन ‘सत्थ’ के उप-प्रधान पद के लिये उम्मीदवार अश्मीत सिंह का नामांकन रद्द होने के चलते स्टूडेंट्स सेंटर व डीएसडब्ल्यू आफिस पर हंगामा हो गया। जिसके बाद डीएसडब्ल्यू ने नामांकन भरने की कोई साझा लिस्ट जारी करने की बजाय कल विभागों में लिस्ट लगाने का फैसला लिया है। आज सुबह से विभागों में नोमिनेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। नामांकन के बाद जब कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं पाये गये तो ऐसे सभी उम्मीदवारों के नाम अलग रख लिये गये। बाद में देर सांय सत्थ उम्मीदवार अस्मीत सिंह का नामांकन रद्द कर दिया गया। इसके बाद सत्थ पार्टी ने स्टूडेंट सेंटर पर जमकर नारेबाजी कर हंगामा किया। एनएसयूआई से प्रेसीडेंट पद के उम्मीदवार सुमित शर्मा व सत्थ के उम्मीदवार पर ऑब्जेक्शन लगा है। कुछ और नामों पर भी आब्जेक्शन लगने की बात कही जा रही है लेकिन डीएसडब्ल्यू आफिस या विभागों की तरफ से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गयी है। कल फाइनल लिस्ट आने पर ही उम्मीदवारों का पता चल पायेगा। सत्थ के नेता करनदीप सिंह ने कहा कि उनके उम्मीदवार अश्मीत पर ऑब्जेक्शन एबीवीपी फ्रंट की ओर से लगाया गया है। उन्होंने कहा कि अश्मीत ने कैंपस में स्टूडेंट की भलाई के लिए काफी काम किए है जिससे डर कर ही उनके उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया गया। आधिकारिक तौर पर एनएसयूआई, ओएसएपी, पुसू, इनसो, एचएसए, पीएसयू ललकार और अन्य संगठनों के बारे में जानकारी कल ही मिल पायेगी। आज रात सभी छात्र संगठन गठजोड़ की राजनीति पर काम कर रहे हैं। कोई भी पार्टी पूरा पैनल उतारने के मूड में नहीं दिखायी पड़ रही है।
एबीवीपी ने गौरव वीर सोहल को उतारा प्रधानी के लिये
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आज गौरव वीर सोहल को पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट्स कौंसिल चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के तौर पर उतारा। एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री राहुल राणा ने पार्टी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में इसकी घोषणा की। इस अवसर पर राष्ट्रीय मंत्री आदित्य तकियार, उत्तर क्षेत्रीय संगठन मंत्री गौरव अत्री, प्रदेश मंत्री मनमीत सोहल, प्रदेश संगठन मंत्री शमशेर सिंह, परविंदर नेगी भी उपस्थित रहे। गौरव वीर सोहल लॉ में रिसर्च स्कॉलर हैं, जो पिछले कई वर्षों से पंजाब विश्वविद्यालय में जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उनकी प्राथमिकता एक अकादमिक रूप से समृद्ध और प्रगतिशील पंजाब विश्वविद्यालय का निर्माण करना है। उनके एजेंडे की प्रमुख विशेषता प्लेसमेंट फेयर का आयोजन है, जिसके तहत छात्रों को वॉक-इन इंटरव्यू और तत्काल प्लेसमेंट के अवसर मिलेंगे।
चुनाव के नियमों को सख्ती से लागू कर रहे : डीएसडब्ल्यू
डीएसडब्ल्यू प्रो. अमित चौहान ने कहा ‘हम पीयूसीएससी चुनाव में नियमों को सख्ती से लागू कर रहे हैं। डीएसडब्ल्यू कार्यालय 22 अगस्त को छात्रों और अन्य हितधारकों को पहले से ही बताई जा चुकी समय-सीमा के अनुसार काम कर रहा है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सूची 28 अगस्त को साझा की जाएगी। तदनुसार, हम कल विभागों के साथ अनुमोदित और अंतिम सूची साझा करेंगे।’
एबीवीपी फ्रंट की तरफ से नवीन लड़ेंगे
एबीवीपी फ्रंट के प्रेसिडेंट इशू चौधरी ने डिफेंस स्टडीज के विद्यार्थी नवीन शर्मा को आगामी चुनावों के लिए अपना प्रधान पद का प्रत्याशी घोषित किया है। नवीन शर्मा हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना का रहने वाला है। अभी नवीन डिफेंस स्टडीज डिपार्टमेंट से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। इससे पहले केमिस्ट्री डिपार्टमेंट से बीएससी और एमएससी कर चुके हैं और एबीवीपी की ओर से डीआर भी रह चुके हैं। इशू चौधरी ने बताया कि फ्रंट का उद्देश्य छात्रों की समस्याओं का समाधान करते हुए कैंपस को एक अच्छा माहौल प्रदान करने का है, जिसमें छात्र पढ़ाई के साथ-साथ अपने अधिकारों के लिए भी जागरूक हो सके तथा उनकी नेतृत्व क्षमता का विकास हो सके।
एएसएफ ने नवप्रीत पर खेला दांव
अंबेडकर स्टूडेट्ंस फ्रंट दूसरी बार चुनाव मैदान में अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार यूआईएलएस (बीकॉम एलएलबी) की नवप्रीत कौर चुनाव लड़ेंगी। पिछले साल अलका को अध्यक्ष पद के लिये खड़ा किया था। गुरदीप सिंह ने बताया कि इस बार फ्रंट ने प्रधान पद के लिये नवप्रीत कैंडीडेट होंगी। उन्होंने कहा कि फ्रंट हमेशा छात्र हित के लिये संघषरत रहता है। चाहे वह आरक्षण की लड़ाई हो या किसानों का धरना अथवा कैंपस में छात्रों की सुरक्षा का मसला हो। नवप्रीत कौर ने बाबा साहेब, ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले व पेरियार की वैचारिक सिद्धातों को सराहते हुए कहा कि कैंपस में टीचर्स के खाली पड़े पदों को भरने पर विशेष जोर देंगी क्योंकि इससे कमजोर छात्रों का नुकसान हो रहा है।
सोपू भी है मैदान में
कई सालों के बाद इस बार सोपू पार्टी के वर्कर कैंपस में अच्छी-खासी तादाद में दिखायी पड़ रहे हैं। हालांकि लॉरेंस बिश्नोई और संपत नेहरा का नाम जुड़े होने से कुछ स्टूडेंट हिचकिचा भी रहे हैं लेकिन कई सालों बाद यह पहला मौका है जब सोपू के लिये छात्रों में रिस्पांस देखा जा रहा है। सोपू पार्टी ने प्रधान पद के लिये अरदास कौर पर दांव खेला है। सत्थ का नामांकन रद्द होने के बाद कुछ छात्र सोपू-पुसू पार्टी का भी रुख कर सकते हैं।