पंचकूला, 6 फरवरी (ट्रिन्यू)
सीआईटीयू प्रदेश अध्यक्ष सुरेखा, उपाध्यक्ष सतबीर सिंह, महासचिव जय भगवान ने कहा कोरोना के चलते हुए संगठित असंगठित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार खत्म हो गए हैं। सरकार ने खुद माना है कि निर्माण क्षेत्र में पिछले 6 साल में नौकरी आधी रह गई। 20117-2020 के बीच मेन्यूफेक्चरिंग सेक्टर में 2.3 करोड़ नौकरियां खत्म हो चुकी थीं। देश में 2021 में शहरों में बेरोजगारी की दर रिकार्ड स्तर पर यानी 9.3 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। लोगों की आमदन में भारी कमी आई है। जरूरत थी शहरों में भी रोजगार गारंटी योजना शुरू करने की, लेकिन मनरेगा बजट में 25000 करोड़ रुपए की कटौती कर दी गई।
बजट में रोजगार पैदा करने और घरेलू मांग को बढ़ाने के कदम उठाए जाने चाहिए थे। लेकिन बजट में ईंधन और उर्वरक सबसिडी कम कर दी गई। खाद्यान्न सबसिडी को 27 प्रतिशत तक घटा दिया गया है। स्वास्थ्य के बजट में भारी कटौती की गई है। अगले पांच साल में 60 लाख नए रोजगार पैदा करने का झुनझुना पकड़ा दिया गया है जबकि पूर्व में हर साल 2 करोड़ नए रोजगार पैदा करने के दावे किए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े पूंजीपतियों को राहत दी है। कारपोरेट टैक्स 18 से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह कारपोरेट टैक्स पर सरचार्ज 12 से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया। पिछले आठ वर्षों में देश के कारपोरेट समुदाय की आय में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है और करीब पचास करोड़ गरीब लोगों की आय आधी हो चुकी है।