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यूआईएलएस में होगा तीन दिवसीय लॉ फेस्ट

कल से शुरू होगा आर्गुएंडो 2025
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चंडीगढ़, 26 मार्च (ट्रिन्यू)

पंजाब विश्वविद्यालय का यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (यूआईएलएस) 28 से 30 मार्च तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नेशनल लॉ फेस्ट आर्गुएंडो 2025 की मेजबानी करेगा। यूआईएलएस निदेशक प्रोफेसर श्रुति बेदी ने बताया कि उत्सव का आयोजन दो समर्पित समितियों - मूट कोर्ट सोसाइटी (एमसीएस) और एडीआर और सीसीएल बोर्ड के सहयोग से किया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक आर्गुएंडो बैनर के तहत अलग-अलग उप-कार्यक्रम आयोजित होंगे। महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता और जस्टिस एएस आनंद राष्ट्रीय मीडिएशन एवं नेगोशिएशन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाली 24 टीमें भाग ले रही हैं। मूट कोर्ट सोसाइटी आर्गुएंडो 2025 के हिस्से के रूप में लॉन्च किए जा रहे एक प्रमुख पॉडकास्ट ‘रेज़िंग द बार’ का भी आयोजन कर रही है। इस पहल का उद्देश्य प्रसिद्ध कानूनी दिग्गजों के साथ व्यावहारिक बातचीत के माध्यम से युवा कानूनी दिमागों को प्रेरित और शिक्षित करना है।

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पॉडकास्ट के पहले अतिथि चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी के वरिष्ठ अधिवक्ता और मुख्य सलाहकार एवं प्रतिष्ठित प्रोफेसर बलराम के गुप्ता होंगे। आर्गुएंडो 2025 कानूनी बिरादरी के भावी नेताओं के पोषण की यूआईएलएस की परंपरा को जारी रखते हुए कठोर बहस, बौद्धिक जुड़ाव और उच्च क्षमता वाली वकालत का प्रदर्शन करने का वादा करता है। मूट कोर्ट सोसाइटी ने देशभर की 24 टीमों की भागीदारी के साथ राष्ट्रीय मूट कोर्ट राउंड का आयोजन किया है। प्रारंभिक और क्वार्टर-फ़ाइनल राउंड आयोजित किए गए, जिसके बाद शीर्ष चार टीमों को ऑफ़लाइन सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल राउंड के लिए पंजाब विश्वविद्यालय परिसर में आमंत्रित किया जाएगा। ये टीमें जटिल बौद्धिक संपदा अधिकार और वाणिज्यिक कानून के मुद्दों पर बहस करेंगी। प्रतियोगिता के अंतिम राउंड के पैनल में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति अलका सरीन, अधिवक्ता अनु पाल और अधिवक्ता दिव्यांशु जैन शामिल हैं।

एडीआर और सीसीएल बोर्ड 5वीं जस्टिस एएस आनंद राष्ट्रीय मीडिएशन और नेगोशिएशन प्रतियोगिता 2025 का आयोजन कर रहा है, जो भविष्य के वार्ताकारों और मध्यस्थों के लिए एक प्रमुख मंच है। साइबर कानूनों की थीम के साथ, यह प्रतियोगिता समकालीन डिजिटल चालान और कानूनी ढांचे पर प्रकाश डालेगी और इसका उद्देश्य प्रतिभागियों की कानूनी योग्यता को समृद्ध और बेहतर बनाना है। इस प्रतियोगिता की संरक्षक और शीर्षक प्रायोजक हाईकोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता मनीषा गांधी हैं। प्रतियोगिता के लिए इंटर्नशिप पार्टनर मिसिंग ब्रिज है।

प्रतियोगिता के अंतिम दौर के पैनल में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की जज न्यायमूर्ति मीनाक्षी एल मेहता, न्यायमूर्ति रितु टैगोर (सेवानिवृत्त) और अधिवक्ता पुनीता सेठी शामिल हैं। फेस्ट का नेतृत्व निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) श्रुति बेदी के निर्देशन में किया जा रहा है और प्रोफेसर (डॉ.) रतन सिंह (एमसीएस फैकल्टी को-ऑर्डिनेटर), प्रोफेसर (डॉ.) सबीना सलीम (एडीआर-सीसीएल बोर्ड फैकल्टी को-ऑर्डिनेटर), डॉ. सुप्रीत गिल और डॉ. गुरप्रीत कौर (एमसीएस फैकल्टी) के नेतृत्व वाली दो समितियों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता के लिए छात्र समन्वयक राशि चांडियोक, कृतिका वालिया, मानवी गुलाटी, तेज प्रताप सिंह गिल, रजत वर्मा और संदली हैं।

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