मोहाली, 3 जून (हप्र)
11 अप्रैल की रात डेराबस्सी सिविल अस्पताल में हुए खूनी झड़प मामले में कांग्रेस हलका इंचार्ज दीपइंदर सिंह ढिल्लों के बेटे उदयवीर ढिल्लों को डेराबस्सी पुलिस ने नामजद किया था। इस मामले में उदयवीर ढिल्लों को पहले अदालत से कच्ची जमानत मिली थी लेकिन मंगलवार को उदयवीर के वकील ने अदालत में तर्क रखा कि ढिल्लों को एमसी की पोस्ट से उतारने की साजिश के तहत राजनीतिक षडयंत्र रचा गया था। पहले ढिल्लों के समर्थकों को पीटा गया था, जब ढिल्लों सिविल अस्पताल डेराबस्सी में समर्थकों का हालचाल पूछने गए तो उन पर हमला कर दिया। ढिल्लों ने डॉक्टरों के कमरे में घुसकर अंदर से लॉक लगाकर अपनी जान बचाई थी। बाद में पुलिस की मौजूदगी में उन्हें बाहर निकाला गया था। अदालत को बताया गया कि ढिल्लों जांच में शामिल हो गए हैं। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद उदयवीर ढिल्लों की पक्की जमानत मंजूर कर ली है।
घटना के 4 दिन बाद उन्हें आरोपी के रूप में पेश किया गया था। डेराबस्सी के गांव मकंदपुर में 11 अप्रैल की रात दो गुटों में खूनी झड़प हो गई थी। इसमें दोनों पार्टियों के छह से ज्यादा युवक जख्मी हो गए थे। पहले लड़ाई गांव में हुई, उसके बाद सिविल अस्पताल में भी दोनों पार्टियों ने जमकर तोडफ़ोड़ की थी। सिविल अस्पताल में मारपीट के दौरान मरीजों और उनके तीमारदारों में भगदड़ मच गई थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति पर काबू पाया था। आरोप था कि एक गुट की ओर से कांग्रेस के हलका इंचार्ज दीपेंद्र सिंह ढिल्लों के बेटे उदयवीर सिंह ढिल्लों गांव पहुंचे और अवैध माइनिंग चलने का आरोप लगाते एक पार्टी का समर्थन किया था। इसके बाद दोनों गुटों में झगड़ा हुआ था। उन्हें सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया, तो वहां भी दूसरी पार्टी के लोगों ने आकर हमला कर दिया था। अस्पताल में पड़े सामान के साथ एक दूसरे पर जमकर वार किए गए थे। इसमें 6 लोग जख्मी हुए थे।