दो कनाल का मकान 32 करोड़ और एससीओ 30 करोड़ में बिका
नितिन जैन/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 17 मई
चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी बाजार इन दिनों नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है। सेक्टर 18-ए में दो कनाल का एक मकान 32 करोड़ रुपये में रजिस्टर्ड हुआ है, जो अब तक की सबसे बड़ी कीमत मानी जा रही है। वहीं, सेक्टर 7 के मध्यमार्ग स्थित एक एससीओ (शॉप-कम-ऑफिस) की रजिस्ट्री 30 करोड़ रुपये में हुई है। यह कीमतें रजिस्टर्ड वैल्यू पर आधारित हैं, जबकि जानकारों के मुताबिक इन डील्स की वास्तविक कीमतें इससे 40 से 50 प्रतिशत ज्यादा हो सकती हैं, जो प्रॉपर्टी बाजार में प्रचलित ‘अंडर द टेबल’ व्यवस्था की ओर इशारा करती हैं।
ट्रिब्यून को मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार, नवंबर 2024 में रजिस्टर्ड हुआ सेक्टर 18-ए का मकान 1,000.3 वर्ग गज में फैला है। वहीं, मार्च 2025 में सेक्टर 7 का 762.93 वर्ग गज का एससीओ 30 करोड़ में रजिस्टर्ड हुआ।
इनके अलावा भी कई हाई-वैल्यू प्रॉपर्टी डील्स सामने आई हैं—जैसे सेक्टर 9-सी में छह कनाल मकान 70 करोड़, सेक्टर 4-ए में 7.5 कनाल मकान 41.8 करोड़ और सेक्टर 9-बी में 3.5 कनाल मकान 35 करोड़ रुपये में रजिस्टर्ड हुआ।
डिप्टी कमिश्नर कम कलेक्टर निशांत कुमार यादव ने बताया कि चार साल बाद 1 अप्रैल 2025 से कलेक्टर रेट संशोधित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नई दरों में 10 प्रतिशत से लेकर 200 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है, फिर भी वे अभी भी बाजार मूल्य से काफी नीचे हैं। उन्होंने बताया कि नए रेट्स तीन साल की रजिस्ट्री डीड्स के विश्लेषण पर आधारित हैं और इससे सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
27,696 करोड़ की आय अर्जित
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में चंडीगढ़ प्रशासन ने स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस से 27,696 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जो अब तक की सबसे अधिक है।
एक कनाल के मकान भी 20 करोड़ में बिके
रियल एस्टेट एक्सपर्ट मनप्रीत सिंह के मुताबिक, अब चंडीगढ़ में एक कनाल का कोई भी मकान 20 करोड़ रुपये से कम में नहीं बिक रहा। एक अन्य डील में दो कनाल का मकान 50 करोड़ में बिकने वाला था, लेकिन मालिक 60 करोड़ से कम में बेचने को तैयार नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रुझान शहर के प्रीमियम स्टेटस और सीमित भूमि उपलब्धता को दर्शाता है, जिससे निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बनी हुई है।