मनीमाजरा (चंडीगढ़), 19 अप्रैल (हप्र)
फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के डॉक्टरों ने दो ब्रेन डेड दाताओं की किडनी को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया, जिनकी ब्रेन हेमरेज के कारण मृत्यु हो गई थी। प्राप्तकर्ताओं में किडनी फेल्यिर वाले दो मरीज थे, चंडीगढ़ के एक 66 वर्षीय पुरुष और करनाल की 48 वर्षीय महिला शिक्षक, जिन्हें दोनों दाताओं से एक-एक किडनी मिली थी। ऑर्गेन ट्रांसप्लांट टीम में डॉ. सुनील कुमार, डॉ. साहिल रैली, डॉ. मिलिंद मंडवार, डॉ. अमित नागपाल, डॉ. जसमीत कौर, डॉ. अंजना शर्मा, डॉ. अमित शर्मा और डॉ. अन्ना गुप्ता शामिल थे, जिन्होंने ट्रांसप्लांट सर्जरी की और दोनों मरीजों को सामान्य रूप से अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दोनों मरीजों की किडनी काम कर रही है और अब डायलिसिस बंद हो चुका है। दानकर्ता चंडीगढ़ के एक 65 वर्षीय पुरुष मरीज और लेह-लद्दाख की एक 59 वर्षीय महिला थीं, जिनके परिवारों ने 10 असाध्य रूप से बीमार रोगियों को जीवन का अंतिम उपहार देने का फैसला किया, जिन्हें चार किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी, दो लिवर ट्रांसप्लांट और चार कॉर्निया ट्रांसप्लांट। मल्टी ऑर्गन रिट्रीवल सर्जरी की पूरी प्रक्रिया में लगभग 14 घंटे लगे और क्रमश: किडनी, लीवर और कॉर्निया के परिवहन की सुविधा के लिए मोहाली से लुधियाना, मोहाली से जयपुर और मोहाली से दिल्ली के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
अंग दान पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के डॉक्टरों की एक टीम ने एम्स मोहाली और एसओटीटीओ, पंजाब के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित की। डॉक्टरों की टीम ने कहा, “हम अंग दान को महत्व देने और जरूरतमंद लोगों को जीवन देने के लिए मृत दाताओं और उनके परिवारों को सलाम करते हैं। पुलिस के साथ-साथ क्षेत्रीय और राज्य अधिकारियों द्वारा समर्थित समर्पित डॉक्टरों की निर्बाध टीम वर्क ने इस जीवन रक्षक दान को संभव बनाया।