डॉ. कमल किशोर गोयनका को दी श्रद्धांजलि
पचकूला, 2 अप्रैल ( ट्रिन्यू)
वरिष्ठ साहित्यकार एवं हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वोच्च सम्मान आजीवन साहित्य साधना से सम्मानित डॉ. कमल किशोर गोयनका पहली अप्रैल को 87 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हो गए। उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप अकादमी में शोक सभा की गई। इसमें वरिष्ठ साहित्यकार व उर्दू प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. चन्द्र त्रिखा ने कहा कि गुंशी प्रेमचन्द पर उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने प्रेमचंद पर पीएच.डी. व डी.लिट् की थी। इसके अतिरिक्त डॉ. गोयनका ने प्रेमचंद के हजारों पृष्ठों के लुप्त व अज्ञात साहित्य को खोजकर सहेजा है। हिंदी व हरियाणवी प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने बताया कि डॉ. गोयनका ने दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के प्राध्यापक के तौर पर करीब 40 साल अध्यापन कार्य किया। वे डीयू के हिन्दी अनुसंधान परिषद के आजीवन सदस्य रहे। हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी से प्रकाशित हरिगंधा पत्रिका से उनका विशष प्रेम रहा है । श्रद्धाजलि सभा में डॉ. विजेन्द्र कुमार, मनीषा नांदल, श्यामसुन्दर,प्रदीप वशिष्ठ, मुकेश लता, दिनेश कुमार, प्रदीप कुमार, अब्दुल हन्नान, जितेन्द्र परवाज, संजय कुमार ने भी डॉ. गोयनका को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।