Traffic problem पिंजौर में ट्रैफिक व्यवस्था चौपट, सभी योजनाएं फेल
कुछ समय से चंडीगढ़-शिमला रूट के पुराने एनएच पर स्थित पिंजौर बाजार में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। एेतिहासिक एवं धार्मिक महत्व वाले पिंजौर शहर के तंग बाजार में ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करने के लिए सरकार एवं प्रशासन ने कई बार योजनाएं बनाईं लेकिन सभी धरी की धरी रह गयी हैं। अभी भी ट्रैफिक जाम समस्या ज्यों की त्यों बरकरार है। जाम के कारण न केवल प्रतिदिन पिंजौर से बाहर स्कूल, कॉलेज, ऑफिस सहित अन्य कार्य के लिए जाने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है बल्कि अब तो पिंजौर से होकर गुजरने वाले लोग भी जाम से दुखी हैं। हिमाचल और पंजाब की सभी लांग रूट बसों को बाईपास से ही जाने के निर्देश हैं। अब तो लोग पिंजौर बाजार की बजाय बाईपास से होकर जाना पसंद करते हैं। जाम के कारण दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। सबसे अधिक समस्या पिंजौर थाने के सामने शिमला, बद्दी की ओर जाने वाली दो सड़कों वाले टी प्वाइंट पर है। रविवार दोपहर को यहां कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मी नहीं था और वाहन बेतरतीब चल रहे थे। लगभग 13 वर्ष पूर्व शिमला-सोलन जाने वाले वाहनों के लिए तत्कालीन सरकार ने पिंजौर-कालका-परवाणू बाईपास का निर्माण करवाया था लेकिन उससे केवल 30 प्रतिशत ही ट्रैफिक बाईपास की ओर शिफ्ट हुआ। अभी भी कुल ट्रैफिक का 70 प्रतिशत से अधिक ट्रैफिक हिमाचल के बद्दी के लिए पिंजौर बाजार में से होकर गुजरता है। इनके लिए भी सूरजपुर से पिंजौर-सुखोमाजरी बाईपास का निर्माण जारी है मगर उसके निर्माण में भी देरी हो रही है।