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गोल्डन मिनट्स’ में जिंदगी बचाएंगे ट्रैफिक जवान

सड़क हादसे के बाद अब घायलों को सिर्फ एंबुलेंस या अस्पताल का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। पीजीआई के विशेषज्ञों ने चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के 100 से अधिक जवानों को जीवनरक्षक प्रशिक्षण देकर उन्हें मौके पर ही पहली मदद देने के...
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पीजीआई में प्रशिक्षण लेते ट्रैफिक पुलिस कर्मी। -ट्रिब्यून फोटो
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सड़क हादसे के बाद अब घायलों को सिर्फ एंबुलेंस या अस्पताल का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। पीजीआई के विशेषज्ञों ने चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के 100 से अधिक जवानों को जीवनरक्षक प्रशिक्षण देकर उन्हें मौके पर ही पहली मदद देने के लिए तैयार कर दिया है।

पीजीआई के एनेस्थीसिया और इंटेंसिव केयर विभाग की पहल पर यह विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें पुलिस जवानों को सिखाया गया कि हादसे के गोल्डन मिनट्स में कैसे घायलों की जान बचाई जाए। प्रशिक्षण में सीपीआर, खून रोकना, टूटी हड्डियों पर स्प्लिंट बांधना, गर्दन को स्थिर रखना, हेलमेट सुरक्षित हटाना और पीड़ित को सावधानी से स्थानांतरित करने जैसी तकनीकें व्यावहारिक रूप से सिखाई गईं।

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डॉ. काजल जैन, डॉ. बिस्मंजीत खुराना और डॉ. अश्विनी ठाकुर समेत पीजीआई के विशेषज्ञों की टीम ने यह कार्यशाला कराई। डॉ. जैन ने बताया कि पुलिसकर्मी अक्सर सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचते हैं, ऐसे में यह प्रशिक्षण उन्हें समय रहते जीवन बचाने में सक्षम बनाएगा। इस पहल का नेतृत्व डीजीपी पुष्पेन्द्र कुमार, एसएसपी सुमेर प्रताप सिंह और डीएसपी लक्षय पांडे ने किया।

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