चंडीगढ़/पंचकूला, 2 मार्च (नस)
सेक्टर 37 में कुछ लोगों ने धोखे से एक मकान को अपने नाम करवाने के लिए हदें पार कर दी। साजिश के तहत आरोपियों ने पहले मकान मालिक को उसी के घर में बंधक बना कर यातनाएं दी। जब उसकी हालत गंभीर हो गई तब आरोपी उसे किडनेप कर गुजरात के भुज में एक फार्म हाउस में छोड़ आए ताकि वह फिर कभी लौट कर नहीं आ सके। इसके बाद चंडीगढ़ आकर आरोपियों ने जाली दस्तावेजों पर संपत्ति अपने नाम करवा ली।
चंडीगढ़ पुलिस ने मंगलवार को मामले का पटाक्षेप करते हुए दो अभियुक्तों संजीव महाजन और मनीष गुप्ता को गिरफ्तार किया। दोनों को जिला अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 3 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि राहुल मेहता की माता, पिता और भाई की मृत्यु होने के बाद वह इस संपत्ति के अकेले उत्तराधिकारी हैं। राहुल मेहता इन दिनों राजस्थान के भरतपुर में आश्रम में भर्ती हैं। राहुल ने पुलिस को बताया कि उन्होंने कभी किसी को अपनी संपत्ति नहीं बेची थी। उन्हें पता लगा कि संपत्ति को हथियाने के लिए संजीव महाजन, सुखबीर उर्फ बिट्टू, मनीष गुप्ता, खल्ली समेत अन्य आरोपियों ने साजिश रची। उसे मकान में ही बंधक बना कर यातनाएं दी।
जाली दस्तावेजों पर बनवाई सेल डीड
आरोप है कि सौरव गुप्ता, सुरजीत सिंह, शेखर, मनीष गुप्ता और अन्य ने जीपीए बनवा ली, फिर जीपीए को रद्द करने के बाद जाली दस्तावेजों पर 1 मार्च 2019 को मकान की सेल डीड बनवा ली। चंडीगढ़ में संपत्ति सौरव गुप्ता के नाम दर्ज कर दी गई। एसएसपी कुलदीप चहल के अनुसार इस मामले में संलिप्त अन्य आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।