Topper Srishti Sharma : बेटी की उड़ान, पिता का सम्मान... सिटको समारोह में चमकी सृष्टि, तालियों से गूंज उठा होटल माउंटव्यू
चंडीगढ़ के मुख्य सचिव राजीव वर्मा ने सृष्टि को किया सम्मानित
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 16 मई
Topper Srishti Sharma : सिटको के सेल्समैन की बेटी जब मंच पर देश की टॉपर बनकर पहुंची, तो होटल माउंटव्यू का भव्य बॉलरूम तालियों से गूंज उठा। मौका था सिटको द्वारा आयोजित सम्मान समारोह का, जहां सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को सम्मानित किया गया।
इस आयोजन की सबसे बड़ी प्रेरणा बनीं सृष्टि शर्मा, जिन्होंने 12वीं में 500 में से 500 अंक हासिल कर पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया। सृष्टि के पिता सिटको में जूनियर सेल्समैन के पद पर कार्यरत हैं। बेटी की इस सफलता ने पूरे परिवार को गर्व से भर दिया।
ट्रॉफियों से बड़ा सम्मान था अपनापन
कार्यक्रम में चंडीगढ़ प्रशासन के मुख्य सचिव राजीव वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जिनकी पत्नी रचना वर्मा भी उनके साथ थीं। वर्मा ने सभी 25 बच्चों को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया और कहा कि यह सिर्फ अंकों की जीत नहीं है, यह मेहनत, अनुशासन और परिवार की एकजुटता का प्रमाण है। ये बच्चे हमारे भविष्य की उम्मीद हैं।
संवाद की गर्माहट, प्रेरणा की बात
सिटको के प्रबंध निदेशक हरि कल्लिक्कट ने बच्चों के साथ खुलकर बातचीत की, उनकी कहानियाँ सुनीं और कहा, “हर छात्र की सफलता के पीछे एक लंबा संघर्ष होता है, और संस्थाएं जब उस संघर्ष को मान देती हैं, तो बच्चों में आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है।” मुख्य महाप्रबंधक पवित्र सिंह और सिटको प्रबंधन के अन्य सदस्य भी समारोह में मौजूद रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्वादिष्ट लंच बना यादगार अनुभव
सम्मान समारोह में सिर्फ पुरस्कार ही नहीं, बल्कि भावनाओं और प्रेरणा की परतें भी शामिल थीं। सिटको कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने माहौल को संगीतमय बना दिया। बच्चों और उनके माता-पिता के लिए विशेष रूप से आयोजित लंच ने कार्यक्रम को पूर्णता दी।
सिर्फ आयोजन नहीं, संस्थागत सोच का प्रतीक
सिटको का यह आयोजन दिखाता है कि जब कोई संस्था अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के सपनों को संजोती है, तो वह सिर्फ एक कारोबारी इकाई नहीं, बल्कि समाज निर्माण की भागीदार बन जाती है। सृष्टि जैसे बच्चों को मंच देना और उनकी सफलता का सार्वजनिक उत्सव मनाना, एक ऐसी सोच का परिचायक है जो हर संस्था में होना चाहिए।