टाईकॉन का स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान: कटारिया
चंडीगढ़, 6 मार्च (ट्रिन्यू)
राज्यपाल और यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने बृहस्पतिवार को टाईकॉन द्वारा पंजाब और चंडीगढ़ में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने और उसे सुदृढ़ करने में टाईकॉन द्वारा निभाई जा रही आदर्श भूमिका की सराहना की, जबकि उन्होंने नवोदित उद्यमियों से बढ़ते आईटी इकोसिस्टम का पूरा लाभ उठाने का आह्वान किया। पंजाब के राज्यपाल ने कहा कि यह एक बड़ी संतोष की बात है कि चंडीगढ़ सभी आईटी सक्षम सेवा उद्योगों के लिए एक अनुकूल मंच के रूप में उभरा है, जिसने संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन में भी योगदान किया है। राज्यपाल ने यह विचार टाईकॉन 2025 के उद्घाटन पर अपने भाषण में साझा किए, जो यहां सिटी ब्यूटीफुल में आयोजित किया जा रहा है। टाईकॉन चंडीगढ़, प्रमुख उद्यमियों और विचारकों का मंथन है, जो नवोदित और महत्वाकांक्षी उद्यमियों को मेंटरिंग, नेटवर्किंग, शिक्षा, इनक्यूबेशन और फंडिंग के माध्यम से एक समृद्ध इकोसिस्टम प्रदान करते हैं। टाईकॉन चंडीगढ़ का 10वां संस्करण यहां हयात रीजेंसी में आयोजित हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्रीय परियोजनाओं जैसे स्टार्ट अप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत ने इन क्षेत्रों में बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मजबूत लॉन्चपैड प्रदान किया है। महिला सशक्तिकरण के राष्ट्रीय थीम में योगदान पर आयोजकों की सराहना करते हुए कटारिया ने कहा कि महिलाएं देश की विकास यात्रा में समान साझेदार हैं और कार्यबल में उनकी अधिक भागीदारी समान विकास और समृद्धि के लिए अनिवार्य है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने एसटीपीआई पुरस्कार भी प्रदान किए, जो उन उद्यमियों को दिए गए जिन्होंने अपने क्षेत्र में अत्यधिक सफलता हासिल की है। इससे पहले, प्रेसिडेंट सतीश कुमार अरोड़ा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और उन्हें नवोदित आईटी नेताओं को प्रेरित करने के लिए समय निकालने के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अरोड़ा ने कहा कि उद्यमिता अब केवल एक करियर विकल्प नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन बन चुका है । धन्यवाद ज्ञापन करते हुए टाई चंडीगढ़ के वाईस प्रेसिडेंट पुनीत वर्मा ने कहा कि उनका संगठन राष्ट्र निर्माण में अपना सर्वोत्तम योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
अब मशीनें इंसानों के साथ कर रही हैं संवाद : अरोड़ा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रभाव अब इंसानों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए भरोसे और सुरक्षा से जुड़े नियमों को मजबूत करना जरूरी है ताकि यह बिजनेस और समाज के लिए फायदेमंद साबित हो सके। ये विचार माइक्रोसॉफ्ट के सीनियर सॉल्यूशन्स विशेषज्ञ अनिल अरोड़ा ने टाईकॉन 2025 के पहले दिन एआई अनलॉक्ड - मास्टरक्लास ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सत्र के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि अब मशीनें इंसानों के साथ संवाद कर रही हैं और कंप्यूटर इंसानी दिमाग की बराबरी करने की होड़ में है। अरोड़ा ने चेताया कि इंसानी दिमाग की सोचने और समझने की क्षमता अद्वितीय है और इसे बदलने की कोई भी कोशिश गंभीर खतरों से भरी हो सकती है।