नगर संवाददाता
चंडीगढ़/पंचकूला, 19 फरवरी
चंडीगढ़ में एक तरफ जहां बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर कर्मचारी और रेजिडेंट रोजाना प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं पानी की दरों में मार्च में बढ़ोतरी करने की आशंका को देखते हुए फास्वेक ने आज दो टूक शब्दों में स्पष्ट कर दिया कि प्रशासन यदि पानी के रेट बढ़ाएगा तो लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे। फाॅस्वेक ने चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों के साथ-साथ सभी राजनैतिक दलों के सभी पार्षदों से आह्वान किया की 1 अप्रैल से होने वाली पानी की दरों में बढ़ोतरी पर रोक लगाएं।
चंडीगढ़ के विभिन्न सेक्टर्स की रेजिडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशनस की अपेक्स बॉडी फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेल्फेयर एसोसिएशनस ऑफ चंडीगढ़ (फास्वेक) के मुख्य प्रवक्ता और सैक्टर 38 वेस्ट आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि यदि नगर निगम द्वारा पानी की दरें दोबारा बढ़ाई गईं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। पंकज गुप्ता ने कहा कि नगर निगम के बजट में जल वितरण से 156 करोड़ रुपए का राजस्व दिखाया गया है जिससे स्पष्ट है कि वित्त वर्ष 2022-23 में नगर निगम दोबारा पानी की दरें 2 से 3 गुना तक बढ़ाना चाहता है। यदि ऐसा हुआ तो यह चंडीगढ़वासियों के साथ धोखा होगा और फाॅस्वेक जनहित में बड़ा आंदोलन प्रारंभ करेगी। कोरोनाकाल और अत्यधिक महंगाई के चलते निम्न और मध्यमवर्गीय लोगों की आमदनी बहुत प्रभावित हुई है और ऐसे समय में यदि पानी की दरें भी बढ़ाई गईं तो आम आदमी का चंडीगढ़ में रहना दुश्वार हो जाएगा।
31 मार्च तक दरें बढ़ाने संबंधी फैसले पर है रोक
पिछले वर्ष बीजेपी शासित नगर निगम ने जीवन की मूलभूत आवश्यकता पानी की दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी की थी जिसे प्रशासन द्वारा मान लिया गया था। परंतु नगर निगम चुनावों के मद्देनजर इस बढ़ोतरी को 31 मार्च तक रोक लिया गया था।