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कानूनी प्रणालियों में आधुनिक तकनीक के साथ मानवीय चेतना का हो संतुलन : मेघवाल

केंद्रीय कानून मंत्री ने पीयू में जस्टिस मदन मोहन पुंछी की स्मृति में चौथे मेमोरियल लेक्चर को किया संबोधित
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चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी के लॉ ऑडिटोरियम में मुख्य अतिथि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए। -हप्र
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चंडीगढ़, 29 मार्च (हप्र)

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को कानून प्रणालियों में आधुनिक तकनीक के साथ मानवीय चेतना के संतुलन पर जोर दिया। वे समाजसेवी संजय टंडन के नेतृत्व वाली कम्पीटेंट फाउंडेशन की ओर से पंजाब विश्वविद्यालय के लॉ ऑडिटोरियम में आयोजित मेमोरियल लेक्चर को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश स्वर्गीय जस्टिस मदन मोहन पुंछी की स्मृति में आयोजित किया गया। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा उत्पन्न उभरती चुनौतियों पर चर्चा के लिए लीगल प्रोफेशनल्स, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के लीडर्स जुटे। इस कार्यक्रम का विषय 'टैकलिंग द चैलेंजेज क्रिएटेड बाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस थ्रू द एक्सिस्टिंग लीगल फ्रेमवर्क' था, जिसने इस बात पर महत्वपूर्ण चर्चा के लिए एक मंच प्रदान किया कि कानूनी प्रणालियां तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य के अनुकूल कैसे हो सकती हैं।

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प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कम्पीटेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष संजय टंडन ने जस्टिस मदन मोहन पुंछी की फिलॉसफी के थ्री - एस - समय, सेहत और संबंध पर जोर दिया। टंडन ने कहा कि हम इस सामयिक चर्चा के माध्यम से स्वर्गीय माननीय न्यायमूर्ति मदन मोहन पुंछी की विरासत को जारी रखने के लिए बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हमें यकीन है कि यह कार्यक्रम यह पता लगाने का एक बहुत जरूरी अवसर प्रदान करेगा कि न्याय और समानता सुनिश्चित करते हुए एआई की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए कानूनी प्रणाली कैसे विकसित हो सकती हैं। लेक्चर को मुख्य अतिथि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मुख्य अतिथि माननीय जस्टिस अरुण पल्ली, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने संबोधित किया, दोनों वक्ताओं ने कानूनी क्षेत्र और व्यापक समाज के लिए एआई के निहितार्थों के बारे में जानकारी प्रदान की।

जस्टिस अरुण पल्ली के संबोधन में एआई द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए उपलब्ध मौजूदा कानूनी साधनों के साथ-साथ संभावित अंतरालों पर प्रकाश डाला गया। कानूनी विषय की लेखिका श्रुति बेदी ने इस बात पर जोर दिया कि एआई भारत के 4.5 करोड़ से अधिक लंबित मामलों को सुलझाने में मदद कर सकता है। इस अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर रेणु विग, कार्यकारी समिति के सदस्य - आशु मोहन पुंछी, सत्यम टंडन, पवन कुमार डोगरा, महिमा डोगरा टंडन, सुवर्णा मुटनेजा, कम्पीटेंट फाउंडेशन की निदेशक प्रिया टंडन और अन्य भी उपस्थित थे।

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