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स्कूलों में टीचर नहीं, दुकानों पर बिक रहा नशा : सतपाल जांबा

सुशासन दिवस पर भाजपा विधायक ने सरकार की व्यवस्था पर उठाये सवाल, बोले- राजनीति में नया जरूर हूं, सबसे बड़ी पार्टी का टिकट लेकर विधायक बना हूं
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कैथल सचिवालय में सुशासन दिवस पर अधिकारियों को खरी खरी सुनाते हुए विधायक सतपाल जांबा
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ललित शर्मा/हप्र

कैथल, 25 दिसंबर : पूंडरी के विधायक सतपाल जांबा ने सुशासन दिवस पर विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश सरकार की व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए। सुशासन दिवस पर जहां सरकार अपनी उपलब्धियां गिनवाने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रही है, वहीं विधायक सतपाल जांबा ने कमियां गिनाकर सरकार की व्यवस्था की पोल खोल दी। विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने विधायक को बीच में टोका भी, लेकिन उसके बावजूद विधायक ने प्रशासन के सभी अधिकारियों की कमियां बताकर उनकी क्लास लेना चालू रखा।

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बुधवार को सुशासन दिवस पर लघु सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में विधायक सतपाल जांबा ने कहा कि दुकानों पर नशा खुलेआम बिक रहा है। उन्होंने कई बार पुलिस अधिकारियों को नाम भी दे दिए। पुलिस को पता है, वे हमसे बेहतर जानते हैं। फिर भी नशा बेचने वाले को नहीं पकड़ रहे हैं। बेचने वाला नशा दुकान में नहीं रखेगा। यह पुलिस वाले भी जानते हैं। उनके पास पूरी लिस्ट है। पुलिस वाले नशा बेचने वालों को सुबह पकड़ते हैं, शाम को छोड़ देते हैं, बताते हैं कि कुछ नहीं मिला। विधायक सतपाल जांबा ने कहा कि पूंडरी में 115 स्कूल हैं। एक भी स्कूल ऐसा नहीं जहां शिक्षकों की कमी न हो। यह क्या डीईओ या बीईओ को नहीं दिखता। उन्होंने कहा तो बोले 5 टीचर भेज देते हैं। उनके हलके के ढांड गांव में 478 बच्चों पर केवल 5 सरकारी टीचर हैं। ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ेंगे और हम कैसे कहेंगे कि गुड गवर्नेंस है। एक-एक कर सब अधिकारियों के पास जाकर थक गया हूं।

राजनीति में नया जरूर हूं, सबसे बड़ी पार्टी का टिकट लेकर विधायक बना हूं : सतपाल जांबा बोले राजनीति में नया जरूर हूं। जिला में भाजपा का केवल एक विधायक है। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का टिकट पाकर विधायक बना हूं। नया जरूर हूं, लेकिन जो व्यक्ति सबसे बड़ी पार्टी का टिकट पाकर विधायक बन सकता है, जनता का दिल जीत सकता है, फिर आप लोगों को समझने में कितने दिन लगेंगे। भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट उनके पास आ भी चुकी है। अंत में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उनकी मंशा कमियां गिनाने की नहीं थी अपितु समस्याओं की तरफ ध्यान आकर्षित करने की थी।

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