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द वाइज़ आउल लिटरेरी अवार्ड्स में दिखा कला-साहित्य का संगम

चंडीगढ़, 15 मार्च (ट्रिन्यू) द वाइज आउल लिटरेरी अवार्ड्स के दौरान शहर में साहित्य और कला का संगम देखने को मिला। कार्यक्रम की शुरुआत मुग्धा असनिकर ने भरतनाट्यम से की। द वाइज आउल की संस्थापक संपादक रचना सिंह ने स्वागत...
चंडीगढ़ में द वाइज आउल लिटरेरी अवार्ड्स में मौजूद लेखक।
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चंडीगढ़, 15 मार्च (ट्रिन्यू)

द वाइज आउल लिटरेरी अवार्ड्स के दौरान शहर में साहित्य और कला का संगम देखने को मिला। कार्यक्रम की शुरुआत मुग्धा असनिकर ने भरतनाट्यम से की। द वाइज आउल की संस्थापक संपादक रचना सिंह ने स्वागत भाषण दिया, जिससे पुरस्कार विजेताओं और जूरी सदस्यों के साथ चर्चाओं की आकर्षक श्रृंखला के लिए मंच तैयार हुआ। प्रतिष्ठित पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए गए, कविता, कथा और गैर-कथा। सुदीप सेन की एंथ्रोपोसीन ने कविता की श्रेणी में पुरस्कार जीता, उसके बाद स्मिता सहगल की ‘हाउ वीमेन बिकम पोयम्स इन मालाबार’ (प्रथम रनर-अप) और रोशेल पोटकर की ‘कॉइन्स इन रिवर्स’ (द्वितीय रनर-अप) को पुरस्कार मिला। फिक्शन में शिनी एंटनी की ‘ईडन एबंडनड’ ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जबकि दमयंती बिस्वास की ‘द ब्लू बार’ और मंजुला पद्मनाभन की ‘टैक्सी’ दूसरे स्थान पर रहीं। नॉन-फिक्शन श्रेणी में सोहिनी चट्टोपाध्याय की ‘आई एम ए रनर’ विजेता रही, जबकि अरुण एझुथचन की ‘सेक्रेड सिन्स’ और प्रदीप सेबेस्टियन की ‘एन इंकी पैराडाइज’ दूसरे स्थान पर रहीं। विजेताओं को 25,000 रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। द वाइज आउल के सह-संस्थापक हरमीत सिंह ने समापन भाषण दिया।

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