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द ट्रिब्यून स्कूल में दो दिवसीय द ट्रिब्यून एमयूएन शुरू : बेहतरीन मंच पर उत्साही बच्चों का वैश्विक हुनर

खुद से शुरुआत करें नेक कार्यों की : जस्टिस अमन चौधरी । बच्चे कल के नेता, सबको शुभकामनाएं : गुरबचन जगत

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चंडीगढ़ में शनिवार को द ट्रिब्यून स्कूल में आयोजित ट्रिब्यून मॉडल यूनाइटेड नेशंस 2025 के उद्घाटन मौके पर मौजूद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अमन चौधरी (दाएं से तीसरे), मणिपुर के पूर्व राज्यपाल और द ट्रिब्यून ट्रस्ट के ट्रस्टी गुरबचन जगत (बाएं से तीसरे), द ट्रिब्यून के महाप्रबंधक अमित शर्मा (बीच में), द ट्रिब्यून स्कूल की प्रिंसिपल रानी पोद्दार (बाएं से दूसरी) एवं कार्यक्रम में मौजूद अन्य। -रवि कुमार
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विभिन्न देशों के ‘प्रतिनिधि’ एक मंच पर। संयुक्त राष्ट्र का नजारा। चर्चाएं अपने देश की संसद में भी। पक्ष-विपक्ष में बहस-मुबाहिसें। माहौल उत्साह का। कुछ सीखने का। जानकारी जुटाने को हर कोई आतुर, क्योंकि ये राजनयिक, ये नेता और ये प्रतिनिधि सभी बच्चे हैं। जी हां, शनिवार को सेक्टर 29 स्थित ‘द ट्रिब्यून स्कूल’ प्रांगण का नजारा जोश और उत्साह से भरपूर था। मौका था दो दिवसीय ‘ट्रिब्यून मॉडल युनाइटेड नेशंस (एमयूएन)’ के सीजन-दो का।

इस कार्यक्रम के पहले दिन ट्राईसिटी के विभिन्न स्कूलों के 250 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया चितकारा विश्वविद्यालय द्वारा प्रायोजित और ग्रिड एडवरटाइजिंग द्वारा संचालित इस दो दिवसीय द ट्रिब्यून एमयूएन के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि रहे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अमन चौधरी।

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कार्यक्रम में नगालैंड, मणिपुर के पूर्व राज्यपाल एवं द ट्रिब्यून के ट्रस्टी गुरबचन जगत, ट्रिब्यून ट्रस्ट के महाप्रबंधक अमित शर्मा आदि मौजूद रहे। इस तरह के आयोजन की सराहना करते हुए अपने संबाेधन में मुख्य अतिथि जस्टिस चौधरी ने कहा, ‘विचारों में असहमति हो सकती है, लेकिन दूसरों को सुनना भी बहुत बड़ी कला है।’ उन्होंने किसी भी नेक कार्य की शुरुआत खुद से करने पर जोर दिया।

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अपने संबोधन में पूर्व राज्यपाल एवं द ट्रिब्यून के ट्रस्टी गुरबचन जगत ने युवा प्रतिभागियों को संयुक्त राष्ट्र के मॉडल से परिचित कराया और इसके इतिहास और अंतर्दृष्टि को साझा किया, ताकि स्कूली विद्यार्थियों को संयुक्त राष्ट्र की अवधारणा समझने में मदद मिल सके। बच्चों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा, ‘आप सभी कल के नेता हैं। मैं सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देता हूं।’ इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई।

स्कूल के संगीत विभाग ने सुंदर प्रस्तुति दी। प्रिंसिपल रानी पोद्दार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बच्चों को शुभकमानाएं दी। पहले दिन विद्यार्थियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लिया, जिसमें सतत विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विनियमन और शासन पर चर्चा की गई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने इस्राइल-गाज़ा संघर्ष के क्षेत्रीय प्रभावों की रोकथाम और मध्य पूर्व में स्थिरता पर चर्चा की गयी।

प्रोजेक्ट उड़ानभूमि

कार्यक्रम का एक और मुख्य आकर्षण रहा- प्रोजेक्ट उड़ानभूमि। यह अन्वी मधु चितकारा द्वारा स्थापित एक छात्र-नेतृत्व वाला गैर-सरकारी संगठन है जो पर्यावरण जागरूकता को समर्पित है। एनजीओ की टीम ने द ट्रिब्यून एमयूएन में एक स्टॉल लगाया। यहां टीम ने अपनी भावुक पहल ‘एक पेड़ समर्पित करें’ का प्रदर्शन किया। स्टॉल का नेतृत्व संस्थापक अन्वी ने किया।

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