देश में दो साल में 3.5 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 8 जुलाई (हप्र) : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंचलिक कार्यालय, चंडीगढ़ द्वारा मंगलवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य हाल ही में शुरू की गई रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ईएलआई) के बारे में जानकारी देना और जागरूकता फैलाना था। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई है। इस मौके पर अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त राजीव बिष्ट, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त अमित सिंगला और रितेश सैनी ने संबोधित किया। राजीव बिष्ट ने बताया कि इस योजना का कुल बजट 99,446 करोड़ है और इसका मकसद दो वर्षों में देशभर में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन करना है। योजना का उद्देश्य युवाओं को पहली बार रोजगार दिलाना और नियोक्ताओं को अतिरिक्त भर्तियों के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच दी गई नौकरियों पर लागू होगा। इसमें पात्र कर्मचारियों को अधिकतम 15,000 तक एक महीने के वेतन के बराबर प्रोत्साहन मिलेगा। यह लाभ दो किस्तों में मिलेगा जिसमें पहली 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी 12 महीने की सेवा पूरी होने पर होगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारी का मासिक वेतन 1 लाख तक होना चाहिए और उसे वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि पहली बार नौकरी करने वाले लगभग 1.92 करोड़ युवा इस योजना के पात्र हैं।
उन्होंने बताया कि विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती पर सरकार नियोक्ताओं को 3,000 रुपए प्रति कर्मचारी प्रति माह दो वर्षों तक देगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए 50 से कम कर्मचारियों वाले संस्थानों को कम से कम दो और 50 या अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों को कम से कम पांच अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करनी होगी।
उन्होंने बताया कि पात्र कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से भुगतान किया जाएगा और नियोक्ताओं को उनके पैन-लिंक्ड बैंक खातों में भुगतान किया जाएगा ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहे।
राजीव बिष्ट ने कहा कि यह योजना युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और देश की आर्थिक प्रगति में भागीदार बनाने का एक मजबूत कदम है।