शहर की स्मॉल फ्लैट स्कीम 2006 सवालों के घेरे में है। योजना के तहत कॉलोनी नंबर 4 के निवासियों को आवास देने के उद्देश्य से शुरू की गई इस स्कीम में कथित गड़बड़ियों का मामला सामने आया है। आरोप है कि कॉलोनी नंबर-4 में रहने वाले एक ही परिवार के दो सदस्यों पिता-पुत्र ने कथित रूप से अलग-अलग फ्लैट आवंटित करवा लिए।
शिकायतकर्ता प्रेम यादव ने आरोप लगाया कि यह मामला न केवल योजना के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से मलोया में फ्लैट अलॉट करवाकर लाभ उठाने का भी मामला है।
उन्होंने यह भी आशंका जताई कि इस तरह की अनियमितताओं के जरिए कई अन्य अपात्र व्यक्तियों को भी फ्लैट मिल चुके होंगे, जिससे वास्तविक पात्र लोग आज भी घर की तलाश में भटक रहे हैं।
उन्होंने शिकायत की प्रति पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन, मुख्य सचिव राजीव वर्मा, गृह सचिव मनदीप सिंह बराड़ और हाउसिंग बोर्ड के सीईओ समेत संबंधित अधिकारियों को भी भेजी गई है। शिकायतकर्ता ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की है।