मोहाली, 21 जुलाई (निस)
स्थायी नौकरी की मांग कर रहे शिक्षकों ने बुधवार को आयोजित रैली के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की कोठी को घेरने के लिए तीसरी बार चंडीगढ़ की ओर कूच किया। मोहाली के वाईपीएस चौक के पास टीचर्स को मोहाली पुलिस ने रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके। बाद में भारी पुलिस बल ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका तो प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ बार्डर पर स्थित गीता भवन मंदिर के पास जाकर बैठ गए।
शिक्षक नेता अजमेर सिंह औलख ने कहा कि बीते सप्ताह मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार ने कहा था कि बुधवार को आपकी मांगों पर कुछ न कुछ फैसला हो जाएगा। लेकिन सरकार ने केबिनेट की बैठक नहीं की। सरकार में तो कुर्सी को लेकर खींचातानी चल रही है। औलख ने कहा कि तेरह हजार शिक्षक सरकार से भीख नहीं मांग रहे बल्कि अपना हक मांग रहे हैं। लेकिन फिर भी उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा। शिक्षक नेता गगन कौर ने कहा कि सरकार की मांगें मानने की नीयत ही नहीं है। सरकार के पास सिर्फ एक ही एंजेडा है कि शिक्षकों की हड़ताल किसी तरह टूट जाये, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। शिक्षक अपना हक लिए बिना नहीं लौटेंगे। ध्यान रहे कि पिछली बार जब शिक्षकों ने चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की थी तो चंडीगढ़ पुलिस के साथ भिंड़त हो गई थी, जिसमें 15 टीचर्स घायल हो गए थे।
कोविड नियमों की टूटी धज्जियां
रैली के दौरान टीचर्स कोविड नियमों की उल्लंघना करते दिखे। टीचर्स ने न तो मास्क पहने थे और ही शारिरिक दूरी का पालन किया जा रहा था। कोविड की दूसरी लहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। तीसरी लहर की आंशका जताई जा रही है। ऐसे में जिले में लगातार चल रहे प्रदर्शन तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।